Exclusive: दिल्‍लीवासियों को कब मिलेगी प्रदूषण से राहत, मौसम विभाग के साइंटिस्ट ने कही ये बात

Delhi Air Pollution: देश की राजधानी में धीमी गति से चलने वाली हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया. दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण उससे निकला धुंआ और प्रदूषक ठंडी हवा में घुलमिल जाते हैं.

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घना कोहरा आने वाले 3-4 दिन तक भी छाया रहेगा
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली के लोगों को दमघोंटू प्रदूषण के कब निजात मिलेगी? हर दिल्‍लीवासी इस सवाल का जवाब जानना चाहता है. लेकिन मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली-NCR के लोगों को फ़िलहाल स्मॉग से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. आने वाले 3-4 दिन अभी इसी तरह का स्‍मॉग दिल्ली-NCR समेत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बना रहेगा. दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया.

घना कोहरा आने वाले 3-4 दिन तक छाया रहेगा

मौसम विभाग के वरिष्ठ साइंटिस्ट नरेश कुमार ने खास बातचीत में एनडीटीवी को बताया, "दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घना कोहरा आने वाले 3-4 दिन तक छाया रहेगा. मौसम इसी तरह का बना रहेगा, इसमें कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी में सुबह और रात को घना कोहरा छाया रहेगा. हवा की गति भी इसी तरह की बनी रहेगी. पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आने की भी फ़िलहाल कोई संभावना नहीं है."

दिल्‍ली में AQI 500 के पार...

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, जब पारा पिछली रात के 16.2 डिग्री सेल्सियस से घटकर 12.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 488 दर्ज किया गया. राजधानी के 32 निगरानी केंद्रों में से 31 ने एक्यूआई का स्तर 480 से अधिक दर्ज किया. दो केंद्रों, अलीपुर और सोनिया विहार में यह अधिकतम 500 रहा. सोमवार को दिल्ली में छह वर्षों में दूसरी बार सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई और एक्यूआई 494 तक पहुंच गया.

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दिल्‍लीवासियों का सांस लेना हुआ मुश्किल 

दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पहली बार ‘अत्यंत गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई, जिसके कारण अगली सुबह ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण चार के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना पड़ा. इन उपायों के तहत आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-छह डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण और तोड़ फोड़ की गतिविधियों पर पाबंदी तथा स्कूलों को बंद करना शामिल है. 

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कब मिलेगी प्रदूषण से राहत?

साल 2017 में पहली बार अधिसूचित किए गए ‘ग्रैप' के तहत वायु प्रदूषण रोधी कई उपाय लागू किए जाते हैं, जिसका पालन राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाता है. मौसम संबंधी जानकारी देने वाले निजी मौसम केंद्र ‘स्काईमेट वेदर' के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में घने कोहरे के साथ-साथ मंद उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंस गए हैं. उन्होंने कहा, "तापमान में गिरावट के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे प्रदूषण सतह के करीब आ रहा है. अगर हवा की गति नहीं बढ़ी तो अगले दो से तीन दिनों में कोई महत्वपूर्ण सुधार होने की संभावना नहीं है. हालांकि, इस सप्ताह के अंत में बारिश होने की उम्मीद है और इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है."

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