राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता, नई पार्टी बनाने के सवाल पर बोले गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व (Congress leadership) आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि इंदिरा और राजीव गांधी तो आलोचना करने के लिए प्रोत्साहित भी करते थे.

Advertisement
Read Time: 25 mins

श्रीनगर:

कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े के नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) ने सियासी संकेत दिए हैं. कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने नई पार्टी बनाने की अटकलों पर NDTV से कहा है कि वे नई पार्टी नहीं बना रहे हैं लेकिन कौन जानता है कि भविष्य में क्या हो.साथ ही उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व (Congress leadership) आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि इंदिरा और राजीव गांधी तो आलोचना करने के लिए प्रोत्साहित भी करते थे. गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े G23 का हिस्सा रहे हैं. 

"हिंदुत्‍व की ISIS और जिहादी इस्‍लाम से तुलना गलत": सलमान खुर्शीद की नई किताब पर गुलाम नबी आजाद

आजाद ने याद दिलाया कि जब उन्होंने दो महासचिवों को यूथ कांग्रेस में नियुक्त करने से इनकार किया था तो इंदिरा गांधी ने कहा था, कीप इट अप. लेकिन आज कोई ना नहीं सुनना चाहता. आजाद ने कहा कि वो इस मुहिम का हिस्सा नहीं हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख को हटाने की मांग हो रही है. उन्होंने कहा कि रैलियां जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां ठंडे बस्ते में चली गई हैं. 

'वह तो मौन हैं', कपिल सिब्बल के घर हमले पर पार्टी नेतृत्व की चुप्पी पर छलका पी चिदंबरम का भी दर्द 

Advertisement

आजाद से जब यह सवाल पूछा गया कि चर्चाएं हैं कि आप नई पार्टी बना रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है. पिछले दो सालों में नेतृत्व और लोगों के बीच संपर्क टूट सा गया था. जब 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के साथ राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था. राजनीतिक गतिविधियां ठप हो गई थीं. हजारों लोग जेल भेजे गए. जेल के बाहर भी जो लोग थे, उन्हें भी राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी गई थी. 

Advertisement

लिहाजा मुझे एक राजनीतिक रास्ता दिखा और गतिविधियां शुरू की हैं. खुशकिस्मती से अन्य पार्टियां भी यही कर रही हैं. हम भी जाग गए हैं और ऐसा कर रहे हैं.  इस सवाल पर कि कांग्रेस के भीतर एक बेचैनी हैं और उनके वफादार नेता इस्तीफा दे रहे हैं, इस पर आजाद ने कहा कि उनके लिए हर व्यक्ति कांग्रेसी है. जब मैं जम्मू-कश्मीर में रहता हूं तो सिर्फ कांग्रेस पार्टी या किसी किसी खास वर्ग की बात नहीं करते. 

Advertisement

आजाद से पूछा गया कि क्या यह महज इत्तेफाक है कि वो और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष साथ में किसी बैठक में शामिल नहीं हुए. इस पर उन्होंने कहा, कुछ लोगों को कम काम करने की आदत होती है. मुझे ज्यादा काम करने की आदत है. मैं कछुए की चाल नहीं चल सकता. मैं तेज गति से चलता हूं. 

Advertisement

कुछ लोग एक दिन मे दो बैठकें करते हैं. मेरा रिकॉर्ड एक दिन में 16 बैठकों का है. खुशकिस्मती से खुदा ने मुझे भरपूर ऊर्जा दी है, जो मैं 40 साल पहले किया करता था वो मैं आज भी कर सकता हूं. 

लेकिन G23 का हिस्सा बनने और कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देना भी साहस है, इस सवाल पर आजाद ने कहा, यह चुनौती नहीं है. इंदिरा और राजीव गांधी के समय हमें गलत होने पर सवाल उठाने की आजादी थी.  वो कभी आलोचना को गलत नहीं मानते थे. वो इसको लेकर बुरा नहीं मानते थे..लेकिन आज कांग्रेस नेतृत्व इसे बुरा मानता था. 

Topics mentioned in this article