जब ममता बनर्जी के बचाव में आए लालू यादव, कांग्रेस को दी सलाह!

बिहार के राजनेता लालू यादव, जो सोनिया गांधी और ममता बनर्जी दोनों के करीबी हैं, उन्‍होंने कथित तौर पर बातचीत में हस्तक्षेप किया और तृणमूल नेता के समर्थन में सामने आए.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
संयुक्त मोर्चे पर निर्णय लेने के लिए 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता दो दिवसीय बैठक के लिए बेंगलुरु में हैं
बेंगलुरु:

सोनिया गांधी और ममता बनर्जी की 'लंबी बातचीत', जिसे एक पूरी बैठक का नाम भी दिया जा सकता है, बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के पहले दिन के मुख्य आकर्षणों में से एक थी. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता अपनी चर्चा में इतने तल्लीन थे कि अन्य विपक्षी नेताओं को बैठक शुरू करने के लिए कुछ देर इंतजार करना पड़ा. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए संयुक्त मोर्चे पर निर्णय लेने के लिए 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता दो दिवसीय बैठक के लिए बेंगलुरु में हैं.

सोनिया गांधी, जो कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष थीं, उन्‍हें नए मोर्चे का अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की संभावना है. बैठक के पहले दिन सोनिया गांधी और ममता बनर्जी सबसे पहले मुख्य हॉल में पहुंचीं, जहां विपक्षी दलों ने आज औपचारिक वार्ता के एजेंडे पर फैसला करने के लिए अनौपचारिक बैठक की.

कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने हॉल के बीच में खड़े होकर 20 मिनट तक बातचीत की. वे हिंसाग्रस्त बंगाल ग्रामीण चुनावों के बाद पहली बार मिले, जिसमें तृणमूल कांग्रेस का वाम-कांग्रेस गठबंधन के साथ टकराव हुआ था. भाजपा और वाम-कांग्रेस द्वारा चुनावी अनियमितताओं के आरोपों के बीच तृणमूल ने चुनाव में जीत हासिल की. 

Advertisement

सोनिया गांधी के साथ अपनी चर्चा में, ममता बनर्जी ने कथित तौर पर वाम दलों के साथ तृणमूल कांग्रेस के मनमुटाव के बारे में बात की. उन्होंने कथित तौर पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी के बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार करने वाले बयान पर चर्चा की. बैठक से कुछ देर पहले येचुरी ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा था कि ''ममता और सीपीएम के बीच कोई बात नहीं होगी.''

Advertisement

उन्होंने कहा था, ''पश्चिम बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष दल भी होंगे जो बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ लड़ेंगे.''

Advertisement

बिहार के राजनेता लालू यादव, जो सोनिया गांधी और ममता बनर्जी दोनों के करीबी हैं, ने कथित तौर पर बातचीत में हस्तक्षेप किया और तृणमूल नेता के समर्थन में सामने आए.

Advertisement

कथित तौर पर लालू यादव ने बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस नेताओं द्वारा ममता बनर्जी की लगातार आलोचना करने से बचने की सलाह दी. राजद नेता ने ममता बनर्जी के घोर आलोचक कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों का जिक्र किया और कहा कि विपक्षी एकता की खातिर ऐसी टिप्पणियों से हर कीमत पर बचना होगा.

सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के बीच चर्चा तब जारी रही, जब वे एक साथ बैठे और मेज पर अन्य नेताओं के साथ बैठ नहीं गए. ऐसा माना जाता है कि सोनिया और ममता के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन बंगाल में उनकी प्रतिद्वंद्विता के कारण उनकी पार्टियों के बीच संबंधों में खटास आ गई है, लेकिन दोनों नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र और संघवाद को बचाने के लिए अगले साल भाजपा को हराना प्राथमिकता है.

बैठक में लालू यादव ने कथित तौर पर कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को भी एक-दूसरे पर हमला करना बंद करना चाहिए. बैठक में जब कांग्रेस नेताओं ने आप नेताओं का स्वागत किया, तो दोनों पार्टियों के नेता गले मिले और मुस्कुराए. जैसे ही आप के राघव चड्ढा कांग्रेस नेताओं के पास पहुंचे, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने मुस्कुराते हुए उन्‍हें गले लगाया. हालांकि, किसी को भी इसकी उम्‍मीद नहीं थी. 

बैठक शुरू हुई तो विपक्षी मोर्चे के लिए एक नाम के लिए सुझाव मांगे गए. कई नेताओं ने सुझाव दिया कि "भारत" शब्द नाम का हिस्सा होना चाहिए. वाम दलों ने एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम का आह्वान किया और यह भी कहा कि राज्य-विशिष्ट विषयों को अलग रखा जाना चाहिए.  कथित तौर पर सोनिया गांधी, लालू यादव, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और नीतीश कुमार के जाने के बाद भी चर्चा जारी रही.

ये भी पढ़ें :- 

Featured Video Of The Day
Aurangzeb Abu Azmi Controversy: अबू आजमी के बयान का विवाद चुनावी राज्य Bihar तक पहुंचा | Hot Topic