कौन सी राह पकड़ेंगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी ने क्यों कहा कि बंद हैं दरवाजे

सर्दी के इस मौसम में भी बिहार का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. इस राजनीति के केंद्र में हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. दरअसल इन दिनों बिहार में इस बात की चर्चा तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने वाले हैं. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की राजनीति क्या है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
नई दिल्ली:

उत्तर भारत का ज्यादातर हिस्सा इन दिनों कड़ाके की सर्दी की चपेट में है. लेकिन बिहार की राजधानी पटना का माहौल गर्म हैं. बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में धांधली का आरोप लगाने वाले छात्र आंदोलन कर रहे हैं. इस साल दिसंबर में पटना में इन छात्रों पर तीन बार लाठीचार्ज हो चुका है. इसके बाद भी छात्रों ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है. वहीं नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलने को लेकर चल रहीं अटकलों ने पटना के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. नीतीश के फिर इंडिया गठबंधन में लौटने की चर्चाएं तेज हैं. लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के एक बयान ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है. 

किस राह पर चलेंगे नीतीश कुमार

राष्ट्रीय जनता दल में दूसरे नंबर के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद हो चुके हैं.तेजस्वी के इस बयान को उन चर्चाओं पर विराम के रूप में देखा गया, जो नीतीश कुमार को लेकर इन दिनों चल रही हैं. चर्चा गरम है कि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर इंडिया गठबंधन में वापसी कर सकते हैं. दरअसल बीजेपी ने महाराष्ट्र में जिस तरह से शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, उससे जेडीयू को आशंका सता रही है कि विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी शायद नीतीश कुमार को फिर सीएम न बनाए. हालांकि बीजेपी के स्थानीय नेता बार-बार यह कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता होंगे और जीत के बाद मुख्यमंत्री भी नीतीश कुमार ही बनेंगे. इसके बाद भी नीतीश कुमार को लेकर चल रहीं अटकलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं.

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

दरअसल इस विवाद की शुरूआत उस समय हुई जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कह दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री का फैसला दोनों दलों की बैठक में होगा. इसके बाद से इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि बीजेपी बिहार में भी महाराष्ट्र वाला प्रयोग दोहराएगी. महाराष्ट्र में बीजेपी ने अधिक सीटें जीतने के बाद देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया, जबकि चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था. हालांकि अतीत में बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ ऐसा नहीं किया है, 2020 में अधिक सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा. इसका वादा बीजेपी के नेताओं ने किया था. हालांकि अमित शाह के बयान के बाद से ही बिहार बीजेपी के नेता यह कहने लगे कि इस बार भी एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही होंगे और मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे. लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अमित शाह के बयान पर कुछ नहीं कहा. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को लेकर एक बयान दे दिया. उन्होंने नीतीश कुमार के लिए 'भारत रत्न' की मांग कर डाली. उनके इस बयान ने आग में घी का काम किया. राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि गिरिराज सिंह का बयान नीतीश कुमार की राजनीति से गरिमापूर्ण विदाई का प्लान है. इसके बाद से नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने को लेकर चल रही अटकलों को और बल मिल गया. 

Advertisement

बिहार के राज्यपाल का तबादला

नीतीश कुमार ने सोमवार को दिल्ली की यात्रा पर गए थे. वहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना जताई. इसके बाद वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा या किसी दूसरे बीजेपी नेता से मिले बिना दिल्ली लौट आए. इसके बाद यह कहा जाने लगा कि बीजेपी और जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्योंकि इससे पहले दिल्ली यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी या बीजेपी के दूसरे बड़े नेताओं से मुलाकात जरूर करते थे. इन चर्चाओं के बीच ही केंद्र सरकार ने बिहार के राज्यपाल को बदल दिया है. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है. खान केरल में अपनी गतिविधियों को लेकर चर्चा में बने रहे. उनका वहां के सीएम पिनाराई विजयन के साथ संबंध बहुत सामान्य नहीं रहे. अब यह देखना होगा कि वो चुनाव से पहले बिहार में कौन सा रुख अपनाते हैं.

Advertisement

राजधानी पटना में बीपीएससी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इन छात्रों पर दिसंबर में पुलिस तीन बार लाठीचार्ज कर चुकी है. इससे नीतीश कुमार सरकार की छवि खराब हो रही है. विरोधी राजनीतिक दल इसको लेकर नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हैं. हालांकि राजनीतिक हल्के में यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार सरकार को बदनाम करने के लिए प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज करवाया जा रहा है. लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कुछ नहीं कहा है. छात्रों के प्रदर्शन और उन पर लाठीचार्ज पर हो रही राजनीति के दौरान ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद हो चुके हैं. तेजस्वी ने ऐसा बयान दूसरी बार दिया है, इससे पहले इस साल सितंबर में उन्होंने कहा था कि हमने तीन बार नीतीश कुमार का कल्याण किया, लेकिन अब उनके लिए सभी दरवाजे बंद हैं.उन्होंने कहा कि ये वे लोग हैं जिन्हें महागठबंधन में वापस आने की तड़प उठती है तो गिड़गिड़ाकर हमारे पैर पकड़ लेते हैं. उस वक्त ये लोग कहते हैं कि हमको ले लीजिए, लेकिन अब कोई मतलब नहीं है, उन लोगों को वापस लेने का. दरअसल पिछले कुछ सालों में नीतीश कुमार दो बार आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ जा चुके हैं. 

Advertisement

नीतीश के लिए राजनीति का दरवाजा

राजनीति के जानकारों का कहना है कि राजनीति में तेजस्वी यादव के बयान जैसे बयान का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि पिछली बार लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने नवादा की एक रैली में कहा था कि एनडीए के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. इसके कुछ दिन बाद ही नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो गई थी. तेजस्वी यादव इस समय बिहार में युवाओं के सबसे बड़े हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि युवाओं के गुस्से से बचने के लिए उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर ऐसा बयान दिया हो, जिससे वो सरकार के साथ खड़े नजर न आएं.

Advertisement

अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों के साथ चाय पर चर्चा करते आरजेडी नेता तेजस्वी यादव.

बिहार में जारी राजनीतिक चर्चाओं में कहा यह जा रहा है कि आरजेडी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखने का आश्वासन दिया है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के बयानों ने इन अटकलों को और हवा दी थी. यादव ने कहा था कि समाजवादी सोच के लोग कभी भी एक हो सकते हैं. वहीं वीरेंद्र ने नीतीश का स्वागत करने की बात कही थी. नातीश कुमार बिहार के एक ऐसे नेता हैं जिनके बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है. उनका हर कदम अप्रत्याशित होता है. इसलिए उनके अगले कदम का हम केवल इंतजार ही कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें: क्‍या बिहार में छात्रों को उकसाया? प्रशांत किशोर बोले- 'गांधी मैदान किसी के पिताजी का तो है नहीं...'
 

Featured Video Of The Day
Republic Day Parade की कैसे करवाते हैं तैयारी? जानिए NCC के डीजी से | NDTV India
Topics mentioned in this article