गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई (PS Sreedharan Pillai) ने प्रदेश की बीजेपी (BJP) सरकार के खिलाफ ‘आरोपपत्र' देने की कोशिश करने पर विपक्षी कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने शनिवार को सवाल किया कि क्या वह इस तरह के दस्तावेज प्राप्त करने के लिये न्यायाधीश हैं या कानून में इसकी कोई वैधता है. प्रदेश कांग्रेस (Congress) के नेताओं के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और कन्हैया कुमार शुक्रवार को 'आरोपपत्र' पेश करने के लिए राजभवन तक गये लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया क्योंकि राज्यपाल वहां मौजूद नहीं थे.
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शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में राज्यपाल ने कहा, ‘मैंने सुना है कि कुछ आरोप पत्र दिया गया है . इसके आधार पर राज्यपाल चुनाव अधिसूचना की पूर्व संध्या पर क्या कर सकता है (चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि गोवा में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को होंगे) 'पिल्लई ने कहा, ‘कानून के तहत आरोप पत्र क्या है. क्या मैं न्यायाधीश हूं. कांग्रेस को मुझे ज्ञापन देना चाहिये था . आरोप पत्र लोगों के समक्ष रखा जाना चाहिये. '
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को पहले ही बता दिया गया था कि वह रात आठ बजे (शुक्रवार को) राजभवन लौटेंगे क्योंकि वह साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखिका श्रद्धा गरड़ से मिलने गए थे, जो इस समय वह पक्षाघात के कारण बिस्तर पर हैं . उन्होंने कहा कि अपने छह महीने के कार्यकाल में विपक्षी दलों से कम से कम उन्हें 40 ज्ञापन मिले हैं लेकिन शुक्रवार को उन्हें गरड़ से मिलने जाना था . उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने सचिव से कांग्रेस का ज्ञापन स्वीकार करने के लिए कहा था.
पिल्लई ने बीमार लेखिका के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद की भी घोषणा की और कहा कि वह साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के लिए शुक्रवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में शामिल होना चाहती हैं लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें इससे मना किया था .