संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) को मोदी कैबिनेट की बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण (Women Quota Bill 2023)को मंजूरी दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को नए संसद भवन (New Parliament Building) के लोकसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा में यह 2010 में ही पास हो चुका है. इसमें महिलाओं को 33% आरक्षण देने का प्रावधान है. यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में सोमवार को अपने आखिरी संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का योगदान बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों सदनों में 7500 से अधिक जन प्रतिनिधियों ने काम किया है, जबकि महिला प्रतिनिधियों की संख्या लगभग 600 रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला सांसदों के योगदान ने सदन की गरिमा को बढ़ाने में मदद की है. उन्होंने कहा, "चाहे दलित हों, पीड़ित हों, आदिवासी हों, पिछड़े हों या महिलाएं हों, हर वर्ग का योगदान धीरे-धीरे बढ़ा है."
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि संसद सत्र छोटी अवधि के लिए है, लेकिन ये बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें ऐतिहासिक निर्णय लिए जाएंगे जो छोटी अवधि के हो सकते हैं, लेकिन अवसर पर बड़े होंगे."
कांग्रेस ने किया स्वागत
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा-"महिला आरक्षण लागू करने की कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से मांग रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण का इंतजार करते हैं. विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर बहुत अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी, और गोपनीयता के पर्दे के तहत काम करने के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी."
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आरक्षण लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में लागू होगा. बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा. कानून बनने के बाद होने वाले चुनावों में यह बिल लागू हो जाएगा.
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