दिल्‍ली में वोटर टर्नआउट क्‍या दे रहा संदेश... जानें कन्‍हैया, बांसुरी स्‍वराज समेत 7 सीटों पर कितने पड़े वोट

दिल्‍ली में इस बार लोकसभा चुनाव का माहौल काफी अलग है. भाजपा के सामने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लड़ रहे हैं. ऐसे में इस बार दिल्‍ली में ट्रेंड बदलने की संभावना है. हालांकि, दिल्‍ली में मतदान प्रतिशत की गति धीमी रही.

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दिल्ली की सभी सात सीटों पर वोट डाले गए.
नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के छठे चरण में शनिवार को दिल्‍ली की सात समेत 58 सीटों पर वोटिंग हुई. दिल्‍ली में भीषण गर्मी के बीच वोटर्स में उत्‍साह देखने को मिला, हालांकि मतदान वाले दूसरे राज्यों के मुकाबले ये कुछ कम था. दिल्ली में शाम 5 बजे तक 53.7% वोटिंग हुई. दिल्‍ली में इस बार राजनीतिक समीकरण को देखते हुए, सातों सीटों पर काफी दिलचस्‍प मुकाबला दिख रहा है. इस बार राजधानी में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही है. दिल्‍ली में 4 लोकसभा सीटों पर आप पार्टी और 3 सीटों कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दिल्‍ली के अपने मौजूद 6 सांसदों को टिकट न देकर उनकी जगह अन्‍य उम्‍मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था. सिर्फ मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को भाजपा ने फिर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था.

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वोटिंग@5PM : वोट प्रतिशत में 8 राज्यों में 5वें नंबर पर दिल्ली 

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 53.7% वोटिंग हुई है. सुबह से वोट प्रतिशत में सुस्त दिल्ली में दोपहर बाद थोड़ी तेजी देखी गई और वोट प्रतिशत में 8 राज्यों में 5वें नंबर पर पहुंच गई. वहीं बंगाल में सबसे ज्यादा 78 प्रतिशत वोटिंग हुई है.

राज्य वोटिंग@5PM
बिहार52.5
दिल्ली53.7
हरियाणा55.9
झारखंड61.4
जम्मू-कश्मीर51.3
ओडिशा59.6
यूपी52.0
पश्चिम बंगाल78.0

वोटिंग@3PM: दिल्ली थोड़ा आगे, यूपी सबसे नीचे 

दिल्ली की सभी सात सीटों की बात करें तो यहां दोपहर 3 बजे तक 44.6 पर्सेंट वोट पड़े. सुबह की सुस्ती को लोगों ने दोपहर बाद कुछ तोड़ा और 1 बजे तक वोटिंग की रेस में सबसे फिसड्डी चल रही दिल्ली 3 बजे तक मतदान वाले सभी आठ राज्यों में पांचवें नंबर पर पहुंच गई. बंगाल में पिछले पांच चरणों की तरह इस बार भी छप्परफाड़ वोटिंग देखी गई. बंगाल की आठ सीटों पर तीन बजे तक 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हो चुका था. उत्तर प्रदेश में मतदान की रफ्तार बहुत धीमी दिखी. दोपहर 3 बजे तक 14 सीटों पर 1 बजे तक 44 फीसदी मतदान के साथ वह सबसे पीछे रहा.

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राज्य वोटिंग@3PM
बिहार45.2
दिल्ली44.6
हरियाणा46.3
झारखंड54.3
जम्मू-कश्मीर44.4
ओडिशा48.4
यूपी44.0
पश्चिम बंगाल70.2

   
वोटिंग @1PM: दिल्ली सबसे फिसड्डी

देश की 58 सीटों पर दोपहर तक वोटिंग की रफ्तार की बात करें तो दिल्ली में 1 बजे तक 34.4 प्रतिशत मतदान हुआ. सभी आठ राज्यों की बात करें तो यह सबसे सुस्त रही. वोटरों का जोश सबसे ज्यादा हाई पश्चिम बंगाल में दिखा जहां 1 बजे तक 54.8 प्रतिशत वोट पड़े.  बिहार में 1 बजे तक 36.5, हरियाणा में 36.5 , झारखंड में 42.5, जम्मू कश्मीर में 35.2, ओडिशा में 35.7, यूपी में 37.2 और पश्चिम बंगा में 54.8 प्रतिशत मतदान हुआ.

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राज्यवोटिंग@1PM (%)
बिहार 36.5
दिल्ली34.4
हरियाणा36.5
पश्चिम बंगाल54.8
जम्मू-कश्मीर35.2
ओडिशा35.7
यूपी37.2

दिल्‍ली में दोपहर 11 बजे तक 21.7% वोटिंग

दिल्‍ली में दोपहर 11 बजे तक 21.7% वोटिंग हुई. सुबह-सुबह सबसे ज्‍यादा वोटिंग उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली (24.49%) में और सबसे कम मतदान प्रतिशत चांदनी चौक (18.55%) लोकसभा सीट पर देखने को मिला. उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली से कांग्रेस के कन्‍हैया कुमार और भाजपा के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी के बीच टक्‍कर है.

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चांदनी चौक18.55%
ईस्‍ट दिल्‍ली22.41%
नई दिल्‍ली19.18%
उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली24.49%
उत्‍तर-पश्चिमी दिल्‍ली22.67%
दक्षिण दिल्‍ली21%
पश्चिमी दिल्‍ली21.56%

दिल्ली में सुबह 9:00 बजे तक 8.94 प्रतिशत मतदान

नई दिल्‍ली7.04%
चांदनी चौक7.83%
ईस्‍ट दिल्‍ली8.82%
उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली10.15%
उत्‍तर-पश्चिमी दिल्‍ली8.99% 
दक्षिण दिल्‍ली8.88%
पश्चिमी दिल्‍ली9.72% 

बांसुरी स्वराज Vs सोमनाथ भारती... कड़ा है मुकाबला

राजधानी की नई दिल्ली सीट भी इस बार काफी चर्चा में बनी हुई है. इस सीट से बीजेपी ने दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है. बांसुरी भी पिछले काफी समय से भाजपा से जुड़ी हुई हैं. बांसुरी स्‍वराज का मुकाबला नई दिल्‍ली सीट से आम आदमी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता सोमनाथ भारती से हो रहा है. सोमनाथ भारती दिल्‍ली के तीन बार के विधायक रह चुके हैं. यह संयोग की बात है कि बांसुरी स्‍वराज और सोमनाथ भारती दोनों पेशे से वकील हैं.

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दिल्ली में कब बना वोट का रेकॉर्ड प्रतिशत
1977 (अधिकतम)71.3%  
1999 (न्यूनतम)43.5%
201960.5%


कन्‍हैया को उतारकर कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव

वहीं, राजधानी की उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट कन्हैया कुमार के कारण चर्चा में आग गई है. भाजपा ने इस सीट से मनोज तिवारी को फिर से मैदान में उतारा है. वहीं इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने यहां कन्हैया कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया कुमार ने सीपीआई छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था. मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया कुमार को उतारकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. इससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर मुकाबले को बेहद रोचक हो गया है. 

क्‍या इस बार बदलेगा दिल्‍ली का ट्रेंड

दिल्‍ली में पिछले कई बार से यह ट्रेंड रहा है कि लोकसभा की सभी सातों सीटें एक ही पार्टी को मिलती रही हैं. पिछले 2 लोकसभा चुनाव से दिल्‍ली की सातों सीटों पर भाजपा जीत दर्ज की है. इससे पहले कांग्रेस का सभी सीटों पर कब्‍जा रहा. लेकिन इस बार ये ट्रेंड बदलने की पूरी संभावना नहीं आ रही है. अगर आम आदमी पार्टी या कांग्रेस एक भी सीट जीत जाती है, तो ये पूरी इक्‍वेशन बदल जाएगी. 

दिल्ली की सीटों पर कब टूटा रेकॉर्ड  प्रतिशत
चांदनी चौक (साल 1977)83%
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली (2014)67.3%
ईस्ट दिल्ली (1977)70.3%
नई दिल्ली (1967)73.3%
नॉर्थ वेस्ट दिल्ली (2014)61.8%
वेस्ट दिल्ली (2014)66.1%
साउथ दिल्ली (1977)69.5%

गांधी परिवार और केजरीवाल के साथ ये भी संयोग 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइंस के पोलिंग स्टेशन में वोट डालने के लिए पहुंचें. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सरकारी निवास दिल्ली के सिविल लाइंस में ही है जो चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है. चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से इस बार कांग्रेस की तरफ से जयप्रकाश अग्रवाल उम्मीदवार हैं.

इसका मतलब अरविंद केजरीवाल आज कांग्रेस को वोट देने के लिए आए हैं. जबकि गांधी परिवार जिस नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में रहता है, वहां से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार सोमनाथ भारतीय चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए गांधी परिवार आम आदमी पार्टी को वोट दे चुका है.

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