121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं

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मैनपुरी में भोले बाबा के भक्त उनके आश्रम के बाहर माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.
नई दिल्ली:

हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में भोले बाबा की भूमिका भी सामने आई है. भोले बाबा के मैनपुरी में होने की संभावना जताई गई है, हालांकि पुलिस ने बाबा के मैनपुरी आश्रम में मौजूद होने से इनकार किया है.

भोले बाबा मैनपुरी आश्रम में नहीं है तो फिर कहां है? आम लोगों के जहन में यह सवाल है. भले ही मैनपुरी आश्रम में भोले बाबा नहीं है, लेकिन उसके प्रति आस्था रखने वाले आज भी उसके प्रति श्रद्धा का प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम की एक तस्वीर सामने आई जिसमें एक महिला आश्रम के गेट के सामने माथा टेके हुए है. सौ से अधिक लोगों की मौतों की घटना के बावजूद इस स्वयंभू बाबा के प्रति  लोगों में आस्था बरकरार है.      

कहां है भोले बाबा?

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के बिछवां कस्बे में भोले बाबा का आश्रम है. इस आश्रम में बुधवार को रात में पुलिस गई थी. पुलिस के मुताबिक पुलिस के साथ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (SPG) की टीम आश्रम परिसर में गई थी. आश्रम में 50-60 सेवादार मौजूद हैं, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों ही हैं. पुलिस के मुताबिक बाबा आश्रम में नहीं है.  

बाबा के चरणों की धूल उठाने के दौरान मची थी भगदड़

हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे. सत्संग समाप्त होने के बाद लोग बाबा की 'चरण रज' लेने के लिए दौड़ पड़े थे. इसी दौरान भगदड़ मचने पर 121 लोगों की मौत हो गई थी. 

यूपी पुलिस ने इस मामले में हाथरस निवासी मुख्य सेवादार और उसके अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले में भोले बाबा की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की न्यायिक जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय आयोग गठित किया गया है. यह आयोग दो महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट देगा.

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