स्पैम और फ्रॉड फोन कॉल्स को रोकने के लिए क्या करने जा रहा है ट्राई?

Spam and fraud phone calls : स्पैम और फ्रॉड कॉल्स से हर कोई परेशान है. कभी कोई जरूरी काम कर रहे हों और फोन बज उठता है, आप फोन उठाते हैं तो उधर से आपको लोन या कुछ और खरीदने का ऑफर दिया जाता है...अब इन पर लगाम लगेगी...जानें कैसे

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Spam and fraud phone calls : स्पैम कॉल और फोन कर लोगों को ठगने वाले धोखेबाजों की दोहरी समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) ने टेलीकॉम कंपनियों को अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स के कॉल रोकने और उन्हें दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश दिया है. इससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. 

लोगों से ऐसे हो रही ठगी?

भारत में हाल के दिनों में रोबोकॉल में भी वृद्धि देखी गई है, जिसमें रिकॉर्ड की गई या कंप्यूटर-जनित आवाजों का उपयोग किया जाता है. साथ ही ऐसे कॉल भी आते हैं, जिनमें उपभोक्ताओं को बताया जाता है कि उनके कोरियर को कस्टम द्वारा रोक दिया गया है या उनके फोन कनेक्शन या किसी अन्य तरह का कनेक्शन कटने वाला है.ये लोगों को लालच देकर या डराकर एक नंबर दबाने के लिए कहते हैं और फिर बैंक खाते साफ कर देते हैं. इसके अलावा मार्केटिंग वाले कॉल्स की संख्या भी काफी बढ़ गई है. धोखाधड़ी वाली कॉल्स से लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और यहां तक ​​कि ब्लैकमेल तक किया गया है. देश भर में धोखाधड़ी वाले कॉल सेंटर भी खुल गए हैं और जामताड़ा जैसे शहर असंगठित और फिर संगठित तरीके से ऐसे घोटाले कर रहे हैं. निवेश पर अत्यधिक रिटर्न का वादा करने वाली योजनाओं को झांसा देकर धोखाधड़ी की जा रही है. 

TRAI ने क्या निर्देश दिए?

मंगलवार को जारी एक निर्देश में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि उसने टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल करने वाले सभी फोन नंबर्स को डिस्कनेक्ट करने और ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश जारी किए हैं. ट्राई ने कहा कि सभी एक्सेस सेवा प्रदाताओं (दूरसंचार कंपनियों) को वॉयस प्रमोशनल कॉल को तुरंत बंद करने के लिए कहा गया है, फिर चाहे वो पूर्व-रिकॉर्ड किए गए हों या कंप्यूटर से तैयार किए गए हों या एसआईपी/पीआरआई या यूटीएम से हों.  यदि कोई अपंजीकृत सेंडर/अपंजीकृत टेलीमार्केटर (UTM) नियमों का उल्लंघन करते हुए व्यावसायिक वॉयस कॉल करने के लिए अपने टेलीकॉम संसाधनों (SIP/PRI/अन्य टेलीकॉम संसाधनों) का दुरुपयोग करता हुआ पाया जाता है और उसके खिलाफ एक या अधिक उपभोक्ता शिकायतें आती हैं तो ऐसे नंबरों को दो साल तक की अवधि के लिए डिस्कनेक्ट कर दिया जाए.

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हर महीने देनी होगी रिपोर्ट

एक्सेस प्रदाता को 24 घंटे के भीतर ब्लैकलिस्टिंग का विवरण अन्य सभी के साथ साझा करने के लिए कहा गया है ताकि वे इसी तरह की कार्रवाई कर सकें. ट्राई ने अपंजीकृत सेंडर्स या टेलीमार्केटर्स को एक महीने के भीतर डीएलटी प्लेटफॉर्म पर आने और उसके एक सप्ताह बाद अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया. सभी दूरसंचार कंपनियों को हर महीने की पहली और 16 तारीख को इस संबंध में उनके द्वारा की गई कार्रवाइयों पर नियमित अपडेट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. बयान में कहा गया है, "ट्राई की इस निर्णायक कार्रवाई से स्पैम कॉल में उल्लेखनीय कमी आने और उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है."

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