क्या है सृजन घोटाला जिसमें प्रणव कुमार घोष को किया गया है गिरफ्तार?

प्रणव कुमार घोष SMVSSL के संस्थापक स्वर्गीय मनोरमा देवी के करीबी सहयोगी थे. उन्होंने विभिन्न सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी धन को सृजन के खातों में स्थानांतरित करने की साजिश रची.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) के मामले में बीते 6 अगस्त को प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार किया है. उन पर 'सृजन घोटाला' नामक बड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप है, जिसमें सरकारी धन को SMVSSL के विभिन्न बैंक खातों में भेज दिया गया है. घोटाले में शामिल राशि 500 ​​करोड़ रुपये से अधिक है.

प्रणव कुमार घोष SMVSSL के संस्थापक स्वर्गीय मनोरमा देवी के करीबी सहयोगी थे. उन्होंने विभिन्न सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी धन को सृजन के खातों में स्थानांतरित करने की साजिश रची और उक्त खाते का उपयोग सभी साजिशकर्ताओं के लाभ के लिए किया गया. SMVSSL ने बैंक अधिकारियों की मदद से बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और भागलपुर सहकारी बैंक में विभिन्न बैंक खाते खोले. आगे सरकारी अधिकारियों के साथ साजिश कर जिला भूमि अधिग्रहण कार्यालय, इंदिरा आवास योजना, जिला कल्याण योजना आदि में पड़ी राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर कर दी गयी. साजिश को आगे बढ़ाने में, सृजन से प्राप्त धन का गाजियाबाद, पुणे, पटना, भागलपुर आदि में फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की खरीद के लिए दुरुपयोग किया गया था.

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ईडी ने सीबीआई दिल्ली द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. जांच के दौरान, यह पता चला कि उक्त आरोपी ने अपराध की आय से चल और अचल संपत्ति अर्जित की है. प्रारंभिक जांच के बाद, दो 18 करोड़ रुपये की कुर्की आदेश रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए जारी किए गए थे. जिसमें 32 फ्लैट, 18 दुकानें, 38 प्लॉट और मकान, 47 बैंक खाते, एक कार और एक स्क्रोपियो वाहन शामिल हैं.

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पूरी जांच के दौरान प्रणव कुमार घोष असहयोगी रहे और जांच एजेंसी द्वारा जारी समन का पालन नहीं किया. इसलिए पीएमएलए, 2002 की धारा 19 का हवाला देकर बीते 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया है. माननीय विशेष पीएमएलए कोर्ट ने ईडी को उनकी पांच दिन की हिरासत दी है. आगे की जांच जारी है.
 

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