महाकुंभ में अमृत स्नान का 'बुधादित्य योग' क्या है? पढ़ें इसके बारे में हर बात

महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं. संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए.

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महाकुंभ: पर्व पौष पूर्णिमा पर श्रृद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी
प्रयागराज:

धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान से हो गई. इस दिन संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सुबह 7:30 बजे तक 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.  महाकुंभ स्नान के पहले दिन बुधादित्य योग भी बन रहा है. ऐसे में श्रद्धालुओं की खासा भीड़ उमड़ रही है. ये योग 14 जनवरी यानी कल मकर संक्रांति तक रहेगा.

कब से कब तक है बुधादित्य योग

धनु राशि में जब सूर्य और बुध दोनों ग्रह जब संचरण करते हैं तो बुधादित्य योग बनता है. यह योग बेहद शुभ माना जाता है. इस दौरान किए गए कार्य का फल जरूर मिलता है. 13 जनवरी की सुबह 4.32 से ये योग शुरू हो गया है, जो कि 14 जनवरी 3.45 तक रहेगा.

महाकुंभ का 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है. हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 वर्षों के बाद हो रहे हैं जो इस अवसर को और भी ज्यादा शुभ बना रहे हैं. 

यूपी सरकार ने इस आयोजन को सुरक्षित और भव्य बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए हैं और विस्तृत व्यवस्था की है. हजारों एआई सीसीटीवी कैमरा, अंडरवाटर ड्रोन और भक्तों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं स्थापित की गई हैं.

इस आयोजन में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

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