"उससे क्या फर्क पड़ता है..": अमित शाह के जेपी के गांव के दौरे पर बोले नीतीश कुमार

बिहार में भाजपा के सत्ता से बेदखल होने के बाद शाह का यह दूसरा बिहार दौरा होगा. इससे पहले उन्होंने 23 सितंबर को सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया और किशनगंज का दौरा किया था.

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योगी आदित्यनाथ के साथ शाह वाराणसी होते हुए सीताब दियारा पहुंचेंगे.
बिहार:

आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती (Jayaprakash Narayan Jayanti) हैं. पटना में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार कोहिमा जाएंगे. जहां जेपी ने अपने संघर्ष काल के तीन वर्ष बताए थे. दूसरी ओर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के सारण जिले में जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव सिताब दियारा जाएंगे. समाजवादी नेता की 120वीं जयंती के समारोह में पर भाजपा के सारे वरिष्ठ नेता और यूपी के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे. दरअसल इस गांव का आधा भाग बिहार और आधा यूपी में पड़ता हैं. 

योगी आदित्यनाथ के साथ शाह वाराणसी होते हुए सीताब दियारा पहुंचेंगे. शाह सीताब दियारा में जेपी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री के दौरे के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. वहीं नीतीश कुमार ने अमित शाह के जेपी के गांव की यात्रा पर कहा कि कोई कहीं जाए, उससे क्या फ़र्क़ पड़ता हैं.

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बिहार में भाजपा के सत्ता से बेदखल होने के बाद शाह का यह दूसरा बिहार दौरा होगा. इससे पहले उन्होंने 23 सितंबर को सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया और किशनगंज का दौरा किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न से सम्मानित विचारक नानाजी देशमुख की जयंती पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के प्रति उनके योगदान की सराहना की.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. भारत के लिए उनका योगदान अतुलनीय है. उन्होंने लाखों लोगों को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा दी. लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रहरी के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.''

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नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ ग्रामीण भारत और कृषि की उनकी बेहतर समझ उनके कार्यों में भी झलकती है. वह एक उत्कृष्ट विचारक भी थे.'' जयप्रकाश नारायण का जन्म 1902 में आज ही के दिन हुआ था. वहीं देशमुख का जन्म आज ही के दिन 1916 में हुआ था.

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