बीजेपी सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं.लोकसभा में बुधवार को उनका चुनाव ध्वनि मत से हुआ. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी उन्होंने बधाई दी. बाद में नेता सदन और नेता विपक्ष ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए.इसके बाद पीएम मोदी और नेता विपक्ष ने उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी. इनके साथ-साथ अन्य नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी. इस दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव तंज कसते हुए भी नजर आए.
राहुल गांधी क्या बोले?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक सत्ता है, लेकिन विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है.इस बार विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है.उन्होंने कहा,''अध्यक्ष जी विपक्ष आपको आपके काम में मदद करेगा.हम चाहते हैं कि सदन ठीक से काम करे.उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि विपक्ष को सदन में जनता की आवाज को उठाने दिया जाए.मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज और जनता की आवाज को उठाने का मौका देंगे.''
नेता विपक्ष ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सदन ठीक से चले, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि भारत की आवाज को कितना सुना जाता है.उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाकर सदन चलाने का विचार बहुत ही अलोकतांत्रिक विचार है.यह कहते हुए राहुल गांधी ने 17वीं लोकसभा में संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर संसद से 150 से अधिक सांसदों के निलंबन की तरफ इशारा किया.
राहुल गांधी ने कहा कि इस चुनाव में लोगों ने दिखाया है कि विपक्ष संविधान की रक्षा करे.मुझे पूरा विश्वास है कि आप विपक्ष को बोलने का मौका देकर, हमें भारत के लोगों की आवाज उठाने का मौका देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे.
क्या इशारा कर गए अखिलेश यादव
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव वे ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा,''प्रधानमंत्री जी और हमारे साथी नेता विपक्ष ने आपको बधाई दे चुके हैं. आपको पांच साल सदन चलाने का अनुभव रहा है.साथ ही आपको पुराने और नए दोनों सदन का अनुभव है.जिस पद पर आप बैठे हैं उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं. हम सब यही मानते हैं कि बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को सम्मान देंगे. निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है.''
उन्होंने कहा,''आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं.हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई ना जाए और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई दोबारा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाएं. आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे.''
सांसदों के निलंबन की दिलाई याद
अखिलेश ने आगे कहा कि आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं. मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं. मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है,नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है, सबकुछ अच्छा लगा है. लेकिन कुछ दरारों में कुछ सीमेंट अभी भी लगा हुआ दिख रहा है. मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे.
यह कहकर अखिलेश यादव लोकसभा अध्यक्ष को उनकी गरिमा और कर्तव्यों की याद दिला रहे थे. ओम बिरला के पिछले कार्यकाल में उन पर विपक्ष लगातार भेदभाव का आरोप लगाता रहा है. उसका आरोप था कि ओम बिरला के इशारे पर विपक्षी सांसदों की आवाज दबाई जाती है. कांग्रेस ने उन पर एक बार राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया था. लोकसभा के 90 से अधिक सांसदों के निलंबन को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी.
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