इस कारण मेरे पिता को राजीव गांधी ने कैबिनेट में शामिल नहीं किया, शर्मिष्ठा मुखर्जी का बड़ा दावा

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता को लगता था कि "किसी के आगे न झुकने" के रवैये के कारण उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.

Advertisement
Read Time: 25 mins

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmishtha Mukherjee) ने बताया कि उनके पिता कहा करते थे कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (PM Indira Gandhi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उनका कार्यकाल उनके राजनीतिक जीवन का  "स्वर्णिम दौर" था. शर्मिष्ठा ने साथ ही कहा कि उनके पिता को लगता था कि "किसी के आगे न झुकने" के रवैये के कारण उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.

शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता को लगता था कि "किसी के आगे न झुकने" के रवैये के कारण उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.

पी.चिदंबरम और बीजेपी नेता विजय गोयल मौजूद रहे
यह पुस्तक, जिसमें प्रणब मुखर्जी की डायरियों से लिए गए संदर्भ हैं, उनकी जयंती के अवसर पर लॉन्च की गई थी. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम (P. Chidambaram) और बीजेपी नेता विजय गोयल भी मौजूद रहे. अपनी किताब "प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेंबर्स" के विमोचन पर शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अपने कार्यकाल को अपने राजनीतिक जीवन का "स्वर्णिम काल" बताया करते थे.

Advertisement

कुछ अंशों पर खड़ा हो गया है विवाद 
शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में उनके (पूर्व राष्ट्रपति) आकलन पर भी बात की है, जिसके कुछ अंशों पर विवाद खड़ा हो गया है. शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता भी उस प्रस्तावित अध्यादेश के विरोध में थे, जिसकी एक प्रति राहुल गांधी ने सितंबर 2013 में एक संवाददाता सम्मेलन में फाड़ दी थी, लेकिन उनका मानना था कि इस पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए थी. राहुल ने जिस अध्यादेश की प्रति फाड़ी थी, उसका उद्देश्य दोषी विधायकों को तत्काल अयोग्य ठहराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को दरकिनार करना था. इसके साथ अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया था कि वे (विधायक) उच्च न्यायालय में अपील लंबित रहने तक सदस्य के रूप में बने रह सकते हैं. शर्मिष्ठा ने कहा, "मैंने ही उन्हें (अध्यादेश फाड़ने वाली) यह खबर सुनाई थी. वह बहुत गुस्से में थे."

Advertisement

आरएसएस के कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर किया था विरोध
उन्होंने यह भी कहा कि देश के राष्ट्रपति के रूप में उनके पिता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीम के रूप में काम किया. पूर्व नौकरशाह पवन के वर्मा के साथ किताब पर बातचीत के दौरान उन्होंने जिक्र किया कि उन्होंने अपने पिता के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर उनका विरोध किया था. उन्होंने कहा, "मैंने बाबा से उनके फैसले पर तीन-चार दिन तक लड़ाई की. एक दिन उन्होंने कहा कि किसी चीज को वैध ठहराने वाला मैं नहीं, बल्कि यह देश है. बाबा को लगता था कि लोकतंत्र में संवाद जरूरी है. विपक्ष के साथ संवाद करना जरूरी है."

Advertisement

चर्चा की शुरुआत में उन्होंने यह भी कहा कि किताब में राहुल गांधी का जिक्र बहुत कम है. शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता अक्सर कहते थे कि कांग्रेस ने संसदीय लोकतंत्र की स्थापना की और "इसे बनाए रखने का काम पार्टी का है." पुस्तक की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी वरिष्ठ नेता ने इस किताब पर बात नहीं की है, केवल पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने इसे पढ़ा नहीं है. शर्मिष्ठा ने कहा कि किताब के विमोचन कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं में केवल चिदंबरम ही पहुंचे, इससे उन्हें काफी दुख हुआ है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- क्या राजस्थान के CM के नाम पर भी चौंकाएगी BJP? विधायक दल की बैठक आज

ये भी पढ़ें- ''मुझे चोट पहुंचाने की साजिश...'' : केरल के राज्यपाल का CM पिनरायी विजयन पर बड़ा आरोप

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Hathras Satsang Stampede: उम्मीद से ज्यादा लोगों की उमड़ी भीड़, मौके पर थे सिर्फ 40 पुलिसकर्मी
Topics mentioned in this article