Budget 2023 में डिफेंस सेक्टर के लिए हुए क्या ऐलान, यहां पढ़िए डिटेल

Defence Budget 2023-24: वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में कुल 45,03,097 करोड़ रुपये के परिव्यय की परिकल्पना की गई है. इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5,93,537.64 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कुल बजट का 13.18% है.

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निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश करते हुए इसे अमृतकाल का बजट बताया.
नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट पेश किया. 2023-24 के बजट (Budget 2023) में डिफेंस सेक्टर (Defence Budget 2023-24) को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कुल बजट का 8 फीसदी है. बजट का अधिकांश हिस्सा जवानों के लिए जरूरी मूलभूत सुधार में उपयोग किए जाएंगे. आइए जानते हैं कि रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में क्या-क्या खास है:-

किसे क्या मिला?
सरकार ने आधुनिकीकरण और अवसंरचना के विकास से संबंधित पूंजीगत परिव्यय को बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये किया है. 2019-20 के बाद से इसमें 57% की वृद्धि की गई है. बीआरओ का पूंजीगत बजट 43 प्रतिशत बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये किया गया है. डीआरडीओ के लिए 23,264 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए आईडेक्स को 116 करोड़ रुपये मिले, जो 2022-23 की तुलना में 93% की वृद्धि है.

पेंशन पर खर्च किए जाएंगे 1 लाख 38 हजार करोड़ रुपये 
निर्मला सीतारमण ने बताया कि बजट में से 1.62 लाख करोड़ रुपये हथियार और गोला बारूद खरीदने पर खर्च किया जाएगा. 2.70 लाख करोड़ रुपये सेनाओं की सैलरी और अन्य जरूरी संशाधन पर खर्च किए जाएंगे. 1 लाख 38 हजार करोड़ रुपये रिटायर सैनिकों के पेंशन पर खर्च किए जाएंगे. 
 
गैर-वेतन राजस्व परिव्यय भी बढ़ा

सशस्त्र सेनाओं को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए युद्ध तत्पर रहना होगा. इसके लिए 2022-23 के बजट प्राक्कलन में गैर-वेतन राजस्व परिव्यय को 62,431 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2023-24 के बजट प्राक्कलन में 90,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. इस व्यय से समाघात क्षमताओं में महत्वपूर्ण अंतराल को समाप्त करने और सेनाओं को गोला-बारूद, हथियारों और परिसंपत्तियों के रख-रखाव, सैन्य भंडार आदि के मामले में सुसज्जित करने की उम्मीद है. इस बजट में पूंजीगत परिव्यय में वृद्धि की प्रवृत्ति को जारी रखते हुए रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और अवसंरचना विकास पर भी जोर दिया गया है.

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मुख्य बिंदु:-

1. वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए रक्षा सेवाओं की संक्रियात्मक तैयारी के उच्च स्तर को बनाए रखने की दिशा में सरकार के संकल्प और प्रमुखता को ध्यान में रखते हुए, गैर-वेतन राजस्व/प्रचालन आवंटन को 27,570 करोड़ रुपये का बढ़ावा मिला है. इस खंड के तहत 2022-23 में बजट प्राक्कलन में बजटीय परिव्यय 62,431 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में बजट प्राक्कलन 90,000 करोड़ रुपये हो गया है. 

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2. गैर-वेतन राजस्व खंड में इस वृद्धि के अग्रदूत के रूप में, सरकार ने मध्यावधि समीक्षा के दौरान चालू वित्त वर्ष के प्रचालन आवंटन में 26,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की थी, जो वर्तमान आवंटन का 42% है. पुनरीक्षित प्राक्कलन 2022-23 में इस अभूतपूर्व वृद्धि ने चालू वर्ष के दौरान संपूर्ण वहन देनदारियों का परिनिर्धारण सुनिश्चित किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि सेवाओं के अगले वर्ष के प्रचालन परिव्यय में कोई कमी न आए.

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3. बजट में बढ़ाए गए आवंटन से अग्निवीरों के लिए प्रशिक्षण सहायता और सिमुलेटर भी उपलब्ध होंगे. यह सुनिश्चित होगा कि वे रक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण के निर्धारित मानकों को प्राप्त करें.

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आधुनिकीकरण और अवसंरचना के विकास पर जोर
1. केंद्रीय बजट 2023-24 में पूंजी निवेश परिव्यय को लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होगा. यह 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा.

2. रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और अवसंरचना के विकास से संबंधित पूंजीगत आवंटन को बढ़ाकर 1,62,600 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 10,230 करोड़ रुपये (6.7%) की वृद्धि दर्शाता है. इसके अलावा, 2019-20 के बाद से पूंजीगत बजट में वृद्धि 59,200 करोड़ रुपये (57%) रही है. यह वृद्धि रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और अवसंरचना विकास के क्षेत्र में सतत् वृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

3. रक्षा मंत्रालय सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेष रूप से उत्तरी सीमाओं में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैः तदनुसार, सीमा सड़क संगठन का पूंजीगत बजट वित्त वर्ष 2022-23 में 3,500 करोड़ रुपये से 43% की बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में 5,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 

4. साथ ही, वित्त वर्ष 2021-22 के बाद से दो वर्षों में इस खंड के तहत आवंटन दोगुना हो गया है. यह सीमा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा, जिससे सेला सुरंग, नेचिपु सुरंग और सेला-छाबड़ा सुरंग जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परिसंपत्तियां सृजित होंगी और सीमा कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी.

5. सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के साथ-साथ भारत के आत्मनिर्भर मिशन को बढ़ावा देने की दिशा में अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देना.

6. रक्षा में अनुसंधान और विकास को मजबूत करने की दिशा में, बजट प्राक्कलन 2023-24 में 23,264 करोड़ रुपये के कुल आवंटन के साथ डीआरडीओ के आवंटन में 9% की वृद्धि की गई है.

7. नवाचार को बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित करने और देश में रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए, आईडेक्स और डीटीआईएस को क्रमशः 116 करोड़ रुपये और 45 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2022-23 की तुलना में आईडेक्स के लिए 93% और डीटीआईएस के लिए 95% की वृद्धि को दर्शाता हैं. यह देश भर के प्रबुद्ध युवाओं से विचारों का लाभ उठाने के लिए रक्षा मंत्रालय की परिकल्पना को पूरा करेगा.

8. केंद्रीय बजट 2023-24 में स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत द्वारा नवाचार और अनुसंधान को उजागर करने के लिए  राष्ट्रीय डेटा शासन नीति की घोषणा की गई है. यह अज्ञात डेटा तक पहुंच को सक्षम करेगा जिससे रक्षा स्टार्ट-अप और आईडेक्स योजना को और बढ़ावा मिलेगा.

9. केंद्रीय बजट 2023-24 में यह भी घोषणा की गई है कि कॉर्पस में 9,000 करेड़ रुपए के सम्मिश्रण के माध्यम से एमएसएमई के लिए संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना  01 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी. इससे 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त प्रत्याभूत ऋण मिलेगा.  

10. रक्षा पेंशन बजट ने वित्त वर्ष 2023-24 में 15.5% की उल्लेखनीय वृद्धि  दर्ज की है. पूर्ण रूप से, यह राशि 2023-24 बजट प्राक्कलन में 1,38,205 करोड़ रुपये है, जबकि 2022-23 बजट प्राक्कलन में यह 1,19,696 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा, 2022-23 में पुनरीक्षित प्राक्कलन 1,53,415 करोड़ रुपये के आवंटन में 28 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो 33,718 करोड़ रुपये है. 

11. इसमें वन रैंक वन पेंशन के तहत सशस्त्र सेनाओं के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण के कारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए 28,138 करोड़ रुपये की राशि शामिल है.

12. हमारे पूर्व सैनिकों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंच को बेहतर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में, रक्षा बजट 2023-24 में वित्त वर्ष 2022-23 में 3582.51 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 5431.56 करोड़ रुपये के बजट प्राक्कलन आवंटन के साथ पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के आवंटन में 52% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
 

अग्निवीरों का कल्याण
1. केंद्रीय बजट 2023-24 में अग्निवीर फंड को छूट-छूट-छूट (ईईई) का दर्जा प्रदान किया गया है. रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट्स की श्रृंखला के माध्यम से वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकास-उन्मुख केंद्रीय बजट पेश करने के लिए बधाई दी, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों, महिलाओं, वंचित वर्गों और मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता दी गई है.

2. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि बजट विकास और कल्याणकारी नीतियों का समर्थन करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो छोटे व्यवसायों के मालिकों, किसानों और पेशेवरों सहित समाज के सभी वर्गों को समान रूप से लाभान्वित करेगा.

3. रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय बजट 2023-24 कुछ वर्षों में भारत को $5  ट्रिलियन  की अर्थव्यवस्था और दुनिया की 'शीर्ष तीन' अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.

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