हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा के पीछे क्या है किसी की साजिश?

एक शोभायात्रा के दौरान शहर में बड़े पैमाने पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. घंटो पथराव और फायरिंग हुई, इस हिंसा में केवल नूंह में ही 4 लोगों की मौत हो गई. हरियाणा पुलिस इसे बड़ी आपराधिक साजिश बताते हुए जांच कर रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के मेवात में हिंसा के पीछे क्या पेशेवर अपराधी हैं, हरियाणा पुलिस इसे बड़ी साजिश मानते हुए जांच कर रही है, लेकिन ये किसी से छिपा नहीं है कि मेवात इलाके में पेशेवर अपराधियों के बड़े गैंग हैं, लूटपाट, अपहरण से लेकर ये हत्या करने तक भी नहीं हिचकते. मेवात को नया जामताड़ा भी कहते हैं. अब इसी क्राइम और कम्यूनल एंगल की कड़ियां जुड़ती दिख रही हैं.  अरावली की पहाड़ियों से घिरा मेवात इलाका, इसका फैलाव हरियाणा से लेकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक है. हरियाणा में नूंह मेवात का मुख्य शहर है. सोमवार को नूंह दंगे की भेंट चढ़ गया. एक शोभायात्रा के दौरान शहर में बड़े पैमाने पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. घंटो पथराव और फायरिंग हुई, इस हिंसा में केवल नूंह में ही 4 लोगों की मौत हो गई. हरियाणा पुलिस इसे बड़ी आपराधिक साजिश बताते हुए जांच कर रही है.

डीजीपी ,हरियाणा पी के अग्रवाल ने कहा कि हमने कई एसआईटी बनाई हैं, हर एसआईटी 7-8 केस देखेगी और जांच करेगी. हमने भी इस दंगे की पीछे की वजह टटोलने की कोशिश की. कुछ लोग कहते हैं कि नासिर और जुनैद की हत्या के आरोपी मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया के ज़रिए इस शोभायात्रा में आने का खुला चैलेंज दिया था. पूरे मेवात में मोनू मानेसर को लेकर पहले से गुस्सा था. इसी बीच फरीदाबाद के बिट्टू बजरंगी का एक बयान आया जिसने आग में घी डालने का काम किया. लेखक सिद्दीकी अहमद मेव ने कहा कि नूंह इस मामले में 2 विडियोज ,एक तो मोनू मानेसर की है,मोनू पिछले 6 महीने में 3 मर्डर कर चुका है वो वांटेड है ,वो चैलेंज देकर कहता है कि मैं आऊंगा. उसको मेवात और राजस्थान पुलिस खोज रही है,इससे लोग भड़के हुए थे कि वो आ रहा है और चैलेंज देकर आ रहा है जो वांटेड है और दूसरा वीडियो फरीदाबाद के विट्टू बजरंगी का है. जो कह रहा है मैं आ रहा हूं अपने जीजा का स्वागत नहीं करोगे क्या तो उससे यूथ भड़का हुआ था.

लोगों का कहना है कि इसी का फायदा आपराधिक तत्वों ने उठाया और वो हिंसा के लिए हथियार लेकर पहुंच गए. मेवात में साइबर अपराधी इतने ज़्यादा हैं कि इसे नया जामताड़ा भी कहते हैं. पूरे मेवात के इस इकलौते साइबर थाने को दंगे के दौरान खासतौर पर निशाना बनाया गया और रिकॉर्ड नष्ट करने की कोशिश की गई. मेवात को जामताड़ा भी कहते हैं, साइबर अपराधियों ने निपटने के लिए पूरे मेवात में ये एक ही साइबर थाना है. लोगों ने हमला कर थाने के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी और थाने के सामान को तहस नहस कर दिया. पुलिस का कहना है कि कुछ दिन पहले 5000 पुलिसकर्मियों की टीम ने पूरे मेवात में साइबर अपराधियों के ठिकानों पर रेड की थी ,ये हमला उसी का बदला है. दिल्ली पुलिस पूर्व एसीपी राजेंद्र सिंह ने कहा कि अभी जो इंसिडेंट हुए वहां डिजिटल क्राइम के अंदर जायदा लोग जा रहे हैं जो पहले पारंपरिक क्राइम करते थे वो प्रॉफिट वाला बिजनिश नहीं रहा. एक आदमी चोरी करता है तो उसमे ग्रेजुएट होता चला जाता है,इसमें न तो कहीं जाना है न किसी से हथियार लेने है तो डिजिटल क्राइम बढ़ गया है.

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पुलिस ने जो 116 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए हैं उनमें कई पुराने अपराधी हैं. अगर आंकड़ों की बात करें तो मेवात में 10 लाख से ज्यादा आबादी है. इसमें 75 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. यहां अपराधियों के 100 से ज्यादा पेशेवर गैंग है. जो बाइक चोरी ,गाय चोरी,लूटपाट ,अपहरण ,हत्याओं और साइबर क्राइम में शामिल हैं. जानकार कहते हैं कि अब तक मेवात में क्राइम तो सुना था लेकिन क्राइम से कम्यूनल एंगल का पहली बार आया है. राजेंद्र सिंह ने कहा कि अभी ये जो प्रॉब्लम है उसमे हो सकता है की कुछ क्रिमनल एंगल या कानून व्यवस्था की समस्या रही होगी, कुछ लोगों ने बदला लेने की सोची हो ,साजिश हो तो अब ये कम्यूनल एंगल आया है. लोगों का कहना है कि हिंसा के पीछे दोनों तरफ के अपराधी हैं. सामाजिक कार्यकर्ता रमजान चौधरी ने कहा कि यहां दो समुदायों के बीच झगड़ा नहीं था ,दोनों समुदायों की बात ही नहीं थी, झगड़ा था दोनों तरफ से गुंडा तत्वों के बीच में. चूंकि उधर भी गुंडे थे और इधर भी गुंडे वो चैलेंज एक्सेप्ट कर रहे थे,समुदाय न पहले लड़े हैं न अब लडेंगे. जिस तरह से थाने में अटैक हुआ,रेड हुई थी हो सकता है उन्होंने गुस्सा निकाला हो.

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निवासी नूंह अनिल मनोचा ने कहा कि इसमें कुछ शरारती तत्व है उन्ही ही वजह से हुआ,एक पक्ष ने ही किया है ,दूसरा पक्ष तो यात्रा निकाल रहा था. मेवात हरियाणा के सबसे पिछड़े इलाके में से है, यहां न अच्छे स्कूल, अस्पताल और दूसरी सुविधाओं का अभाव है. करीब 56 फीसदी लोग ही शिक्षित हैं. इसलिए कई जगहों पर युवाओं का झुकाव अपराध की तरफ ज्यादा है. पुलिस दंगे के कारणों की जांच कर रही है,लेकिन शुरआती जांच में क्राइम ,क्रिमिनल और कम्यूनल एंगल के तार आपस में जुड़ते दिख रहे हैं ,हालांकि पूरी तस्वीर जांच के बाद साफ होगी.

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