क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें... जिनके लिए शुरू किया 'दिल्ली चलो' मार्च

Delhi Chalo March: किसान कई मांगों को लेकर दिल्‍ली कूच कर रहे हैं, इनमें बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है.

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किसान नेताओं को सरकार पर संदेह...

नई दिल्‍ली:

किसानों का आज 'दिल्‍ली चलो' मार्च है...‘दिल्ली चलो' मार्च रोकने के लिए सोमवार रात किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक बेनतीजा रही. कई किसान संघों, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं, ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए आज मार्च का आह्वान किया है. एमएसपी की गारंटी वाला कानून बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. 

किसानों की प्रमुख मांगें...

किसान कई मांगों को लेकर दिल्‍ली कूच कर रहे हैं, इनमें बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है. हालांकि, केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, आधी रात के बाद इन मुद्दों पर सहमति बन गई, लेकिन किसान अपने संकल्प पर कायम हैं और उन्होंने कहा कि सरकार ने दो साल पहले जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं. 

किसान नेताओं को सरकार पर संदेह

बैठक में किसानों की चिंताओं में से एक को संबोधित करते हुए, 2020-21 के आंदोलन के दौरान दर्ज किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की सरकार की इच्छा का पता चला. हालांकि, किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पर जोर देते रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंढेर जैसे किसान नेताओं ने सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में संदेह व्यक्त किया है.

समिति के गठन का प्रस्ताव

सरकार ने एमएसपी, कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी गारंटी पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, किसान प्रतिनिधि इससे सहमत नहीं हैं. किसानों का कहना है कि सम‍िति के बनने और उसकी सिफारिशों को लागू करना एक लंबी प्रक्रिया है. इसके अलावा, किसानों की मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली, विश्व व्यापार संगठन से वापसी और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा सहित कई मुद्दे शामिल हैं.

जैसे-जैसे 'दिल्ली चलो' मार्च जोर पकड़ रहा है, सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा उपाय तेज कर दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने शहर में प्रदर्शनकारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें बैरिकेड्स के साथ कीलें लगाना और सड़क को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अर्थमूवर्स का उपयोग शामिल है.

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