WFI President Sanjay Singh Profile: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में पिछले साल छिड़ा दंगल आज फिर सुर्खियों में आया. वजह है- कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष का चुनाव. इस चुनाव में कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने जीत हासिल की है. संजय सिंह के कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बनने के बाद भारत की स्टार पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है.
साक्षी मलिक पिछले साल बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए पहलवानों के आंदोलन में शामिल थी. दरअसल विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया उस आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे. गुरुवार को कुश्ती महासंघ के चुनाव का परिणाम सामने आने के कुछ ही देर बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी.
जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन में कई विपक्षी नेता भी शामिल हुए थे. पहलवानों के प्रदर्शन के बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के चुनाव की घोषणा की थी. लेकिन इस चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष पद जीत मिली है.
आने वाली पीढ़ी शोषण के लिए तैयार रहेः साक्षी मलिक
संजय सिंह के फेडरेशन का चुनाव जीतने पर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया सहित कई पहलवानों ने निराशा जाहिर की है. साक्षी मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आज जो महासंघ का अध्यक्ष बना है...हमें पता था वही बनेगा... वह बृजभूषण के लिए बेटे से भी प्यारा है... जो अब तक परदे के पीछे से होता था अब खुले आम होगा. हम अपनी लड़ाई में कामयाब नहीं हो पाए. हमने हर किसी को अपनी बात बताई. पूरे देश को पता होते हुए भी सही इंसान नहीं WFI का चीफ नहीं बना. मैं अपने आने वाली पीढ़ियों को कहना चाहती हूं कि शोषण के लिए तैयार रहिए."
जानिए कौन हैं कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह
51 वर्षीय संजय सिंह उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं. चंदौली केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लोकसभा क्षेत्र है. लेकिन अब वो वाराणसी में रहते हैं. संजय सिंह कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी है.
वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुडे़ रहे हैं. बीबीसी से बात करते हुए संजय सिंह के करीबी वाराणसी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष राजीव सिंह रानू ने बताया कि संजय सिंह गाँव वाली पहलवानी करते थे. इनके पिताजी और बाबा बड़े किसान थे. गांव में बड़ा अखाड़ा बनवा कर पहलवानों को लड़वाते थे.
संजय सिंह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने. 2009 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ बना तो बृज भूषण शरण सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और संजय सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने. संजय सिंह पिछले चार सालों से वो भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव थे. वह कई बार संघ की कार्यसमिति में भी शामिल रहे. कुश्ती महासंघ के पदाधिकारी होने के नाते उन्होंने कई विदेशी यात्राएं भी की.
चुनाव जीतने के बाद क्या बोले संजय सिंह
WFI का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय सिंह ने कहा, "जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती करें. जिनको राजनीति करनी है, वो राजनीति करें." उन्होंने कहा कि आगे बच्चों के लिए कैंप लगाए जाएंगे. उनका साल खराब नहीं होने दिया जाएगा. ओलिंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी कराई जाएगी. अब देखना है कि संजय सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती महासंघ और भारतीय पहलवान कहां तक पहुंचते हैं. फिलहाल तो संजय के बृजभूषण शरण सिंह से करीबी होने के कारण कई तरह की बातें हो रही है.
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