गंगासागर से तीर्थयात्रियों को ले जा रही दो नौकाएं कल रात कोहरे और कम ज्वार के कारण समुद्र में फंस गई. जानकारी के अनुसार इनमें 500 से 600 तीर्थयात्री सवार थे. यात्रियों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद राज्य प्रशासन ने फौरन राहत सामग्री और बचाव अभियान शुरू किया. गंगासागर में फंसे तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक ने होवर क्राफ्ट तैनात किए हैं और इनको वहां से निकाला गया.
दरअसल ‘मकर संक्रांति' के अवसर पर हर साल गंगासागर में मेला आयोजित होता है. पवित्र स्नान करने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. मेला का प्रभार संभाल रहे पश्चिम बंगाल के ऊर्जा एवं खेल मंत्री अरुप बिश्वास ने बताया, ‘‘पांच जनवरी से लेकर 14 जनवरी को मंकर संक्रांति तक करीब 40 लाख श्रद्धालु गंगासागर मेला में आ चुके हैं, जिनमें से अधिकतर अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं.''
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उन्होंने बताया कि शनिवार को शाम छह बजकर 53 मिनट पर मकर संक्रांति का स्नान शुरू हुआ और सर्दी के बावजूद लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और कपिल मुनि आश्रम में दर्शन किए.
दो श्रद्धालुओं की हुई मौत
मेले के दौरान दो श्रद्धालुओं की शनिवार को मौत हो गई थी. जिनकी पहचान ओडिशा के रहने वाले 72 वर्षीय प्रताप चंद्र गिरि और बिहार निवासी 73 वर्षीय बियोला देवी के तौर पर की गई है.
मंत्री ने बताया कि अब तक 3,500 श्रद्धालुओं ने ‘ई-स्नान' सेवा का लाभ लिया है, जिसके तहत ऑनलाइन ऑर्डर करने पर व्यक्ति के घर पर गंगासागर का पवित्र जल पहुंचाया जाता है. उन्होंने बताया कि गंगासागर मेला के दौरान ई-दर्शन के माध्यम से अब तक करीब 60 लाख लोगों ने कपिल मुनी मंदिर में दर्शन किए हैं.