बंगाल में खुले मैदान में मेलों की मंजूरी, शादी समारोह में भी मेहमानों की संख्या सीमित

बंगाल ने विवाह समारोहों को 200 मेहमानों या विवाह स्थल की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अनुमति दी है. पश्चिम बंगाल में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक दिन पहले ही गंगासागर मेले में हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई थी,

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बंगाल में खुले मैदान में मेलों की मंजूरी, शादी समारोह में भी मेहमानों की संख्या सीमित
पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा
कोलकाता:

बंगाल ने कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों की समयसीमा 31 जनवरी तक बढ़ा दी है. बंगाल सरकार ने शुक्रवार को सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए बेहद सीमित रूप में खुले मैदान में मेलों के आयोजन की अनुमति दी. बंगाल ने विवाह समारोहों को 200 मेहमानों या विवाह स्थल की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अनुमति दी है. पश्चिम बंगाल में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक दिन पहले ही गंगासागर मेले में हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई थी, जिनमें से बड़ी संख्या में बिना मास्क के थे.कोलकाता में भी बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं.

बंगाल में किसी भी आयोजन के 50 फीसदी क्षमता तक मेहमान एकत्रित हो सकेंगे. बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने कहा कि अभी तक कोरोना से जुड़ी पाबंदियां या ढील (COVID-19 protocols) जो पहले से लागू थीं, उन्हें अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है. मेला या सार्वजनिक आयोजनों को 50 फीसदी क्षमता के साथ आयोजित करने की मंजूरी होगी. सभी बाहरी गतिविधियां जैसे लोगों या वाहनों की आवाजाही रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए प्रतिबंधित रहेगी. सिर्फ स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और जरूरी वस्तुओं का परिवहन करने वाले वाहनों को ही आवागमन की इजाजत होगी.  कृषि उत्पादों और अन्य आपात सेवाओं को भी मंजूरी रहेगी.

आदेश में जिला प्रशासन, पुलिस औऱ स्थानीय एजेंसियों को नियम-कायदों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है. वहीं बंगाल के चुनाव आयोग ने कोरोना के मामलों के बढ़ने के मद्देनजर 4 नगर निगमों के चुनावों को तीन सप्ताह के लिए 12 फरवरी तक स्थगित कर दिया है.राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सिलीगुड़ी नगर निगम, चंद्रनगर नगर निगम, बिधाननगर नगर निगम और आसनसोल नगर निगम के चुनाव 22 जनवरी की बजाय 12 फरवरी को होंगे. मतदान सुबह 7 बजे से शाम पांच बजे तक होगा.

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इससे पहले दिन में ममता बनर्जी सरकार ने निर्वाचन आय़ोग को एक पत्र भेजा था, जिसमें महामारी की स्थिति के कारण चुनाव की तारीखों को फिर से निर्धारित करने की मंजूरी दी गई थी. कोलकाता हाईकोर्ट ने भी आयोग से मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए निकाय चुनाव को 4 से 6 सप्ताह के लिए स्थगित करने की संभावना तलाशने को कहा था.

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