पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की हॉटसीट नंदीग्राम पर चुनावों की मतगणना के शुरुआती रुझानों में दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली. यहां की उम्मीदवार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के शुभेंदु अधिकारी से पीछे नजर रहीं. हालांकि दोपहर बाद कई दौर की मतगणना के बाद ममता ने बढ़त बना ली है.
शुभेंदु अधिकारी को शुरुआती रुझानों में 13,000 कुछ वोट मिले थे, वहीं उस दौरान ममता बनर्जी के हिस्से में 10,000 कुछ वोट आ रहे थे. दोनों नेताओं में 3,000 के आसपास वोटों का फर्क दिख रहा है. बंगाल में दोपहर सवा दो बजे तक 10 राउंड की मतगणना हो चुकी है और इस मतगणना के साथ शुभेंदु अधिकारी, ममता बनर्जी से लगभग 10,000 वोट आगे चल रहे थे. दोपहर 3 बजे तक 12 राउंड की मतगणना हो चुकी है और ममता, अधिकारी को कवर करती दिख रही हैं. 10,000 का फासला 4,000 पर पहुंच गया है. अधिकारी अब 4,000 कुछ वोटों से आगे चल रहे हैं.
अब चूंकि ममता नंदीग्राम में पीछे चल रही हैं तो यह सवाल भी उठने लगा है कि अगर ममता यहां से हार जाती हैं तो फिर क्या? हालांकि, बता दें कि शुरुआती रुझानों में पूरे बंगाल में टीएमसी बहुमत के आंकड़े से कहीं ऊपर चल रही है, ऐसे में लीड्स में तो टीएमसी जीतती हुई दिखाई दे रही है. ऐसे में यह बात और भी दिलचस्प हो जाती है कि नंदीग्राम में ममता का क्या होगा.
नंदीग्राम का युद्ध
नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए निजी तौर पर बेहद मायने रखता है. कांग्रेस से अलग 1998 में तृणमूल कांग्रेस बनाने के बावजूद ममता लंबे समय तक वामपंथी किले को भेदने में नाकाम रहीं, लेकिन नंदीग्राम के आंदोलन ने ही ममता को वो सियासी ऊर्जा दी, जिसके जरिये उन्होंने लेफ्ट के 34 साल पुराने दुर्ग को ढहा दिया.
सिंगुर में टाटा के नैनो प्रोजेक्ट की तरह 2007 में नंदीग्राम में एक केमिकल फैक्ट्री बनाने के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन उग्र होने के बीच नंदीग्राम में किसानों पर फायरिंग में 14 लोगों की मौत से कोहराम मच गया. आरोप था कि लेफ्ट के सशस्त्र कार्यकर्ताओं और पुलिस ने गोलियां चलाईं. ममता की अगुवाई में टीएमसी ने यहीं से बुद्धदेव भट्टाचार्य की तत्कालीन वामपंथी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया और 2011 में बड़े बहुमत के साथ सत्ता पाई.
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साल 2016 में शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर नंदीग्राम से बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्हें कब 87 फीसदी वोट मिले थे. अधिकारी ने तब सीपीआई के अब्दुल कबीर को 81, 230 वोटों के अंतर से हराया था लेकिन अब वो तृणमूल छोड़कर बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं. ममता बनर्जी ने जब नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो शुभेंदु अधिकारी ने ऐलान किया था कि वो 50,000 वोट से मुख्यमंत्री को हराएंगे.
हालांकि....
पूरे बंगाल की मतगणना पर नजर डालें तो शुरुआती रुझानों में तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी से आगे चल रही है. शुरुआती रुझानों में टीएमसी को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है.