IMD Weather Report : मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि आज यानी 2 जुलाई को उत्तराखंड, असम, मेघालय जैसे अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. देश के इन राज्यों में आज सबसे ज्यादा बारिश हो सकती है. वहीं हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात जैसे अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की उम्मीद है.
दिल्ली में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली एक बार जलभराव का शिकार हो सकती है. वहीं पूर्वी राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के हिमालय से सटे क्षेत्रों, सिक्किम, झारखंड, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, केरल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है. छत्तीसगढ़, गंगा से सटे पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सौराष्ट्र और कच्छ में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ आंधी की आशंका मौसम विभाग ने जताई है. समुद्री इलाकों में 35 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में जाने से पहले सतर्क रहने की हिदायत दी है.
बाढ़ से असम में जनजीवन त्रस्त
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है और 6.44 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. लगभग पूरा डिब्रूगढ़ शहर बाढ़ के पानी में डूब गया है. कम से कम आठ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जोरहाट जिले के नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र अपने उच्चतम बाढ़ स्तर को पार कर गई है. इस बीच, आईएमडी ने असम में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. आईएमडी ने एक विशेष मौसम बुलेटिन जारी किया है, जिसमें 1 जुलाई से 5 जुलाई तक असम में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे संकेत मिलता है कि असम में अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है.
जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा होगी
आईएमडी ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है तथा भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है. आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में जुलाई की औसत बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है जो लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 28.04 सेमी से 106 प्रतिशत अधिक रह सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.''
इन राज्यों के लिए खतरे की बात
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान ‘‘निश्चित रूप से'' कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से, यदि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों तथा पश्चिमी हिमालय की तराई को देखें तो हम सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं.'' महापात्र ने कहा, ‘‘यह वह क्षेत्र है जहां बादल फटने, भारी वर्षा के कारण भूस्खलन, बाढ़ के रूप में विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं. कई नदियां भी यहीं से निकलती हैं. मध्य भारत में भी गोदावरी, महानदी और अन्य नदी घाटियों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है. इसलिए वहां बाढ़ की आशंका अधिक है.''