देश में एक तरफ लौटते मानसून से कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फाबारी शुरू हो चुकी है. इससे उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत हो चुकी है. अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तट से टकराने वाला है. इससे पूर्वोत्तर भारत समेत ओडिशा, बंगाल बिहार और झारखंड में त्योहारी सीजन में मौसम बदल सकता है. ओडिशा के कई जिलों में बुधवार से भारी बारिश का अलर्ट मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया है. गंगीय मैदानी इलाकों में भी 24 और 25 अक्टूबर को भारी बारिश का अनुमान जताया गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ताजा पूर्वानुमानों में कहा है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा संभावित चक्रवात 25 अक्टूबर को ओडिशा के तट को छोड़ पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तट से टकरा सकता है. IMD ने एक बयान जारी कर बताया कि बंगाल की खाड़ी में बृहस्पतिवार को कम दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है और अगले चार दिन में इसके तीव्र होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. आईएमडी के अनुसार, दक्षिण-पूर्व तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र 22 अक्टूबर तक गहरे निम्न दाब क्षेत्र में और 23 अक्टूबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है.
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया, ‘‘इसके दोबारा उत्तर की ओर मुड़ने और 24 अक्टूबर तक पश्चिम मध्य और उससे लगी पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर- उत्तरपूर्व की ओर बढ़ेगा और 25 अक्टूबर को ओडिशा से बचते हुए पश्चिम बंगाल और बांगलादेश के तट से टकराएगा.'' उन्होंने कहा कि अब भी आईएमडी द्वारा तूफान की तीव्रता और उस दौरान बहने वाली हवाओं की गति का पूर्वानुमान लगाना बाकी है.
ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश का अनुमान
महापात्रा ने बताया कि 23 अक्टूबर से ओडिशा के तटीय इलाकों में मूसलाधार बारिश हो सकती है. भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने बताया कि पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंह जिलों में 23 अक्टूबर को भारी बारिश होगी. इससे पहले सुबह आईएमडी ने कहा था कि दक्षिण-पूर्व तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र 22 अक्टूबर तक गहरे दबाव में और 24 अक्टूबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है.
इस बीच, ओडिशा सरकार ने आईएमडी के चक्रवात के पूर्वानुमान के मद्देनजर सात तटीय जिलों के प्रशासन को ‘अलर्ट' कर दिया है. गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में इसका असर दिख सकता है. आईएमडी ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 22 अक्टूबर से पहले समुद्र से लौट आएं क्योंकि समुद्र में विपरित परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं.
पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी
इधर, दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर दिखने लगा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 16.9 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम है. हालांकि, दिल्ली में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है. राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘खराब' श्रेणी में बनी हुई है. मौसम कार्यालय का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को आसमान मोटे तौर पर साफ रहेगा.
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जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी को दक्षिण कश्मीर के शोपियां से जोड़ने वाले मुगल रोड को बंद कर दिया गया है. पहाड़ी और और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण घाटी में निर्धारित समय से पहले सर्दी का मौसम शुरू हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. बुधवार रात से राज्य के डोडा, किश्तवाड़, राजौरी, रियासी, पुंछ, रामबन और कठुआ जिलों के कई इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है. मौसम कार्यालय ने अगले दिनों में केंद्र शासित प्रदेश में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है.
दिल्ली में हवा हुई जहरीली
दीवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में एकबार फिर हवा जहरीली होने लगी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 घंटे के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुलेटिन के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली का औसम एक्यूआई 228 रहा जो ‘खराब' श्रेणी में आता है. शुक्रवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 448 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है.
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा' माना जाता है, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.