भारत और पाकिस्तान के बीच क्या हो रहा, हम ‘हर रोज’ इस पर नजर रखते हैं: अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि युद्ध-विराम बहुत जल्दी टूट सकते हैं, खासकर साढ़े तीन साल से जारी (यूक्रेन) युद्ध के बाद, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात से असहमत होगा कि हम स्थायी युद्ध-विराम का प्रयास नहीं कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि भारत-पाकिस्तान की गतिविधियों पर रोज नजर रखते हैं.
  • रूबियो ने युद्ध-विराम को बनाए रखना कठिन बताया और कहा कि इसके लिए दोनों पक्षों का सहमत होना जरूरी है.
  • उन्होंने बताया कि अमेरिका का लक्ष्य ऐसा शांति समझौता है जिससे वर्तमान और भविष्य में युद्ध न हो.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन:

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच हो रही गतिविधियों पर “हर रोज नजर रखता है”, क्योंकि दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम बहुत जल्द टूट सकता है. रूबियो ने ‘एनबीसी न्यूज' के ‘मीट द प्रेस' कार्यक्रम में कहा, “युद्ध-विराम का एकमात्र तरीका यह है कि संघर्षरत पक्ष एक-दूसरे पर गोलीबारी बंद करने पर सहमत हों. और रूस अभी तक इस पर सहमत नहीं हुआ है. इसके अलावा, मैं कहूंगा कि संघर्ष-विराम की एक जटिलता यह है कि उसे बनाए रखना होता है, जो बहुत मुश्किल है. मेरा मतलब है, हम हर रोज इस बात पर नजर रखते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच क्या हो रहा है, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच क्या हो रहा है.”

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “युद्ध-विराम बहुत जल्दी टूट सकते हैं, खासकर साढ़े तीन साल से जारी (यूक्रेन) युद्ध के बाद, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात से असहमत होगा कि हम स्थायी युद्ध-विराम का प्रयास नहीं कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य एक शांति समझौते पर पहुंचना है, ताकि न तो अभी युद्ध हो और न ही भविष्य में कोई युद्ध हो.”

डोनाल्‍ड ट्रंप की रूबियो ने की जमकर तारीफ

वहीं, ‘फॉक्स न्यूज' को दिए गए साक्षात्कार में रूबियो ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए सैन्य संघर्ष का जिक्र किया, जिसके बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने इसे रुकवाया.

रूबियो ने कहा, “और मुझे लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली हैं और हमें एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए, जिन्होंने शांति बहाली को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बनाया है. हमने इसे कंबोडिया और थाईलैंड में देखा है. हमने इसे भारत-पाकिस्तान में देखा है. हमने इसे रवांडा और डीआरसी में देखा है. और हम दुनिया में शांति लाने के लिए हर संभव अवसर का लाभ उठाते रहेंगे.”
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Monsoon 2025: टूटी सड़के... डूबे मकान... देश में जलतांडव, कहां हुआ कितना नुकसान? | GROUND REPORT
Topics mentioned in this article