समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अमेरिका स्थित एक फर्म के सर्वेक्षण के दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर तंज कसा है. फर्म के सर्वेक्षण में वैश्विक नेताओं की रेटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया है. यादव ने कहा, "हम तमाम ऐसे कई लोगों को जानते हैं जो दुनिया में नंबर एक हैं... इन सब पर कौन विश्वास करेगा?"
अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आप किसी कंपनी को पैसा देते हैं और वह कंपनी आपसे कहेगी, 'आप दुनिया में नंबर एक हैं.' इस पर कौन विश्वास करेगा?"
अमेरिका स्थित मॉर्निंग कंसल्ट के 'ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर' के अनुसार, पिछले सप्ताह भारत के 76 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व को स्वीकारा है, वहीं केवल 18 फीसदी ने इसके उलट डिसअप्रूव किया है. 66 प्रतिशत रेटिंग के साथ मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल ओब्रेडोर दूसरे स्थान पर रहे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को 37 और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को 25 रेटिंग दी गई है.
पीएम मोदी अक्सर मॉर्निंग कंसल्ट की रैंकिंग में शीर्ष पर रहे हैं, जिसका कीमत एक अरब डॉलर से अधिक है.
यह रेटिंग भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के तुरंत बाद आई है. इस जीत को अगले साल के आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और पार्टी को प्रोत्साहित करने वाला माना जा रहा है, जब पीएम तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में जाएंगे.
पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यादव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से जुड़े सदाबहार विवाद पर भी सरकार पर कटाक्ष किया, जो हर चुनाव के बाद उठता है. उन्होंने कहा, "बाकी दुनिया (और) नंबर एक देश मतपत्र के माध्यम से मतदान करते हैं. हां, यदि आप दुनिया में नंबर एक बनना चाहते हैं तो इसकी नकल करें और हमें बैलेट पर मतदान करने दें, फिर हम सहमत होंगे."
अखिलेश यादव का यह तंज पिछले हफ्ते किए गए तंज की ही प्रतिध्वनि है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईवीएम ने "अविश्वास" पैदा कर दिया है. अमेरिका में चुनाव मतपत्र के जरिए होते हैं. उसका जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि अगर भारत ने "बर्गर, पिज्जा और जींस पर" अमेरिका का अनुसरण करने की योजना बनाई है तो अमेरिकियों द्वारा मतपत्र के उपयोग करने की भी नकल करनी चाहिए.
आप 3 घंटे में क्यों चाहते हैं परिणाम? : अखिलेश यादवउन्होंने कहा था, "दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में वोटों की गिनती करने में महीनों लग जाते हैं. 140 करोड़ से अधिक लोग (इस) देश का भविष्य तय करते हैं. आप तीन घंटे में परिणाम क्यों चाहते हैं?"
अखिलेश यादव की यह टिप्पणी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह सहित अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह जताने के बाद आई है.
विपक्षी नेताओं के दावों को BJP ने किया था खारिजबीजेपी ने इन दावों को हारे हुए लोगों की शिकायत बताकर खारिज कर दिया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की, "वे (कांग्रेस) अब ईवीएम (और) पोल पैनल (चुनाव आयोग) को निशाना बनाएंगे." साथ ही मध्य प्रदेश के निवर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी निशाना साधा.
ईवीएम पर लंबे समय से विवाद रहा है. और इस दौर के चुनावों से पहले और बाद में भी इसे सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था. पिछले साल अदालत ने उस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी जिसके कारण ईवीएम की शुरुआत हुई थी और अगस्त में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संसद को बताया था कि अगले साल के आम चुनाव से पहले पेपर बैलेट पर लौटने का इस स्तर पर कोई प्रस्ताव नहीं है.
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