'हम गिरिराज जी के भक्त हैं, अरावली को कोई छू भी नहीं पाएगा', राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा का बड़ा बयान

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के एक ताजा बयान ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है. जहां सीएम ने 'गिरिराज जी के भक्त' होने का हवाला देकर अरावली के एक-एक पत्थर की रक्षा का संकल्प लिया है, वहीं कांग्रेस ने इसे 68,000 एकड़ जमीन को खनन माफिया को सौंपने की 'महा-साजिश' करार दिया है.

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अरावली के एक पत्थर को हाथ लगाया तो... CM भजनलाल शर्मा की कांग्रेस को खुली चेतावनी, बोले- 'हम गिरिराज जी के भक्त हैं!'
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Jaipur News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने अरावली पर्वतमाला को लेकर चल रहे विवादों (Aravalli Hills Controversy) पर अब तक का सबसे कड़ा रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) पर तीखा हमला बोलते हुए साफ कर दिया है कि उनकी सरकार के रहते अरावली की अस्मिता से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है. उन्होंने इसे न केवल पर्यावरण बल्कि आस्था का विषय बताते हुए कांग्रेस को अपने पुराने फैसलों की समीक्षा करने की चुनौती दी है.

'हम पूजा करते हैं, लूटते नहीं'

सीएम भजनलाल शर्मा ने जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम गिरिराज जी के भक्त हैं और हम उनकी पूजा करते हैं. हमारे काम करने के तरीके की चिंता करने के बजाय कांग्रेस को अपने पुराने कारनामों को देखना चाहिए.' मुख्यमंत्री ने कांग्रेस राज के दौरान हुए अवैध खनन का जिक्र करते हुए कहा कि साधु-संतों को खनन माफिया के खिलाफ 551 दिनों तक आंदोलन करना पड़ा था. उन्होंने विजयदास बाबा के बलिदान को याद दिलाते हुए कहा कि उस समय की सरकार सोती रही, लेकिन अब भाजपा सरकार अरावली के एक भी पत्थर का नुकसान नहीं होने देगी.

'अरावली संरक्षित है और रहेगी'

मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए राजस्थान भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आदत जनता में भ्रम फैलाने की रही है. भाजपा का आरोप है कि जिस तरह विपक्ष ने पहले सीएए (CAA) और एसआईआर (SIR) के मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया था, ठीक उसी तरह अब अरावली के नाम पर डराया जा रहा है. पार्टी ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार का एकमात्र लक्ष्य अरावली को सुरक्षित करना है.

'अवैध खनन पर परमानेंट ब्रेक'

रामलाल शर्मा ने पार्टी का पक्ष साफ करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की मंशा अरावली की एक नई और सटीक परिभाषा तय करना है. इसका मकसद किसी को फायदा पहुंचाना नहीं, बल्कि अवैध खनन को जड़ से खत्म करना है. जब तक अरावली को बचाने और संरक्षित करने की यह नई योजना पूरी तरह जमीन पर नहीं उतर जाती, तब तक सरकार ने किसी भी नए खनन पट्टे (Mining Lease) को जारी करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है.

आखिर क्यों भड़की है सियासत?

दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का आरोप है कि सरकार 'संरक्षण' के नाम पर अरावली को खनन माफिया के हवाले कर रही है. कांग्रेस का दावा है कि केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार अरावली के लगभग 90% हिस्से को नष्ट करने की तैयारी है. टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार जिसे 0.19% क्षेत्र कह रही है, वह असल में 68,000 एकड़ की विशाल जमीन है जिसे माफिया को सौंपा जा रहा है. कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि वह राजस्थान के 19 जिलों में 'अरावली बचाओ' आंदोलन चलाएगी, जो बूथ स्तर तक होगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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