राजधानी दिल्ली (Delhi) के कई इलाकों को रविवार को पानी की किल्लत से जूझना पड़ा. बताया जा रहा है यमुना नदी में हरियाणा की ओर से आ रहे पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ जाने से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी घट गई है जिसके बाद राज्य में पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है. दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) का कहना है कि "यमुना का पानी इतना मैला और गंदा है कि हमारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water treatment plant) की कैपेसिटी घट गई है जिसके कारण कई इलाकों में पानी की सप्लाई में गिरावट भी आई है."
उन्होंने कहा, ''असल में दिल्ली एक लैंड लॉक शहर है जिसके कारण पानी के लिए हमें पड़ोसी राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है. राजधानी में यमुना का पानी हरियाणा से, गंगा का उत्तर प्रदेश से और पंजाब की तरफ से भाखड़ा नांगल से पानी आता है. इन्हें वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ करके लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता हैं. राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में आज पानी की आपूर्ति बाधित हो गई क्योंकि वजीराबाद के पास यमुना नदी में अमोनिया में वृद्धि के कारण शहर के उपचार संयंत्रों में उत्पादन प्रभावित हुआ.''
दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष, राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा से भारी सीवेज और औद्योगिक निर्वहन के कारण जल उत्पादन प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़कर 3 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) हो गया, जिससे सोनिया विहार, भागीरथी, चंद्रवाल, ओखला और वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन प्रभावित हुआ.
राघव चड्ढा ने बताया कि जल गुणवत्ता प्रबंधन टीम ने बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और उत्पादन मानदंडों के अनुसार पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कच्चे यमुना के पानी में कीटाणुनाशक की खुराक बढ़ा दी है.
चड्ढा ने ट्वीट किया, "हम यमुना नदी में अमोनिया की समस्या के समाधान के लिए हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दिल्ली जल बोर्ड यथाशीघ्र सामान्य जल आपूर्ति बहाल करने और अमोनिया के स्तर को नीचे लाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है."
गौरतलब है, ऐसी आपातकालीन परिस्थिति में दिल्ली जल बोर्ड अपने हेल्पलाइन नंबर को दुरुस्त करता है और टैंकर डिप्लॉय किए जाते हैं, ताकि जहां भी पानी की सप्लाई में कमी है, या पानी कम प्रेशर से आ रहा हो, वहां पर वाटर टैंकर पहुंचाकर लोगों के टैंक भरकर उन तक पानी पहुंचाया जाए.