सेंट्रल वाटर कमीशन ने देश के 161 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है की 03 अप्रैल, 2025 तक उत्तर भारत और पूर्वी भारत में बड़े जलाशयों में स्टोरेज लेवल पिछले साल के मुकाबले करीब 10% तक कम हो गया है. उत्तरी क्षेत्र में विशेष कर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सेंट्रल वॉटर कमिशन 11 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करती है. इनमें 03 अप्रैल, 2025 तक स्टोरेज लेवल उनकी क्षमता का 22.96% रहा जो पिछले साल 32.32% था. अब तक उत्तरी भारत के 11 बड़े जलाशयों में औसत से भी कम पानी बचा है.
बड़े जलाशयों में कम हो रहा जलस्तर
पूर्वी भारत में विशेष कर असम, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में सेंट्रल वॉटर कमिशन 27 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करती है. इस साल 03 अप्रैल, 2025 तक इन बड़े जलाशयों में जो स्टोरेज लेवल है वह 37.64% रिकॉर्ड किया गया है जो पिछले साल 03 अप्रैल को 47.08% था. इस साल पूर्वी भारत के 25 बड़े जलाशयों में वाटर स्टोरेज लेवल औसत से भी कम रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि अच्छी बात यह है कि पश्चिमी भारत, दक्षिण भारत और मध्य भारत के बड़े जलाशयों में 03 अप्रैल, 2025 तक औसत से अधिक स्टोरेज लेवल रिकॉर्ड किया गया है.
सेंट्रल वाटर कमीशन ने देश के 161 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है की 03 अप्रैल, 2025 तक देश के बड़े जलाशयों में उनकी कुल क्षमता का 39.98% पानी जमा है, जो पिछले साल के मुकाबले 14.23% फ़ीसदी ज़्यादा है. दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन आमतौर पर 1 जून के आसपास शुरू होता है, और पूरे देश को कवर करने में मानसून को कुछ हफ्ते लगते हैं. ऐसे में विशेषकर उत्तरी भारत और पूर्वी भारत के राज्यों में बड़े जलाशयों में घटते स्टोरेज लेवल पर सरकार को कड़ी नजर रखनी होगी.