वक्फ संशोधन बिल पारित होने पर चिराग से लेकर इमरान मसूद तक किस नेता ने क्या कहा, जानें

वक्फ संशोधन बिल के पारित होने के बाद संसद से सड़क तक सियासी जंग छिड़ गई है. विपक्ष इसे कोर्ट में चुनौती देने और जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है, जबकि सत्तापक्ष इसे गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए जरूरी बता रहा है.

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विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई.
नई दिल्ली:

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद भारतीय राजनीति में एक नया सियासी तूफान खड़ा हो गया है. इस बिल को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और नोकझोंक का दौर शुरू हो गया है. जहां सत्तारूढ़ एनडीए इसे ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष ने इसे संविधान विरोधी और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया है. वक्फ बिल को लेकर एनडीए और विपक्षी सांसदों के बीज जोरदार बहस देखने को मिली.

बिल पारित होने पर इमरान मसूद और चिराग ने क्या कहा

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बिल के पारित होने पर कहा, "हम इस दिन को काले दिन के तौर पर याद रखेंगे.  दूसरी ओर, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने सरकार का समर्थन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "विपक्ष ने भ्रम फैलाने की कोशिश की थी, जिसे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ कर दिया. यह विपक्ष की आदत बन गई है कि हर बार झूठ बोलकर डर फैलाकर अपना वोट बैंक बनाते हैं." चिराग का यह बयान एनडीए के एकजुट समर्थन को रेखांकित करता है.

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वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को विधेयक सदन में पेश किया और चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि यह मुस्लिम समुदाय के हित में है. विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई. इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली. 

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सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जताया अफसोस

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बिल के पारित होने पर गहरा अफसोस जताया. उन्होंने कहा, "हमें दुख है कि यह बिल पास हो गया. हमने इसे रोकने का पूरा प्रयास किया, लेकिन जबरदस्ती और हठधर्मिता के साथ इसे पास कराया गया. अगर सच कहना बरगलाना है, तो ठीक है. हम समाज के संगठनों के साथ बैठकर आगे की रणनीति बनाएंगे. जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरेंगे या कोर्ट जाएंगे." उनका यह बयान विपक्ष की लड़ाई को सड़क से लेकर अदालत तक ले जाने की मंशा को दर्शाता है.

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जेपीसी अध्यक्ष ने बिल को गरीब मुसलमानों के हित में बताया

बीजेपी सांसद और जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बिल को गरीब मुसलमानों के हित में बताया. उन्होंने कहा, "विपक्ष जो आरोप लगा रहा है कि मस्जिदें या ईदगाह छिन जाएंगे, ऐसा कुछ नहीं होगा. सरकार वक्फ में दखल नहीं दे रही. यह बिल गरीब मुसलमानों को फायदा पहुंचाएगा, इसलिए विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. आज ऐतिहासिक दिन है. ओवैसी का व्यवहार असंवैधानिक था. यह पसमांदा मुसलमानों के लिए ईद जैसा खुशी का दिन है." 

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गुरजीत सिंह औजला ने बिल को सामाजिक ढांचे के लिए बताया खतरा

कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बिल को सामाजिक ढांचे के लिए खतरा करार दिया. उन्होंने कहा, "यह बिल सोशल स्ट्रक्चर को खराब करेगा. हम इंडिया गठबंधन के लोगों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे." यह बयान विपक्ष के एकजुट होकर इस मुद्दे पर आगे बढ़ने की योजना को दर्शाता है.

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