वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई.
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन आज फिर सुनवाई (Waqf Law Hearing In Supreme Court) होनी है. बुधवार को भी अदालत में सुनवाई हुई थी. इस दौरान मुस्लिम पक्ष और केंद्र सरकार ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की थीं. इस दौरान अदालत ने संकेत दिए थे कि वह इसे लेकर अंतरिम आदेश दे सकती है. बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपील की थी कि अदालत अंतरिम आदेश जारी करने से पहले उसकी दलीलें सुने. समय की कमी के चलते अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ा दिया था. आज इस पर सुनवाई होनी है. वक्फ एक्ट से जुड़े तीन संशोधनों कौन से हैं, जिन पर अदालत आज अंतरिम आदेश दे सकती है जानिए.
ये भी पढे़ं-क्या हिंदू ट्रस्टों में भी मुस्लिमों को इजाजत देंगे? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछे और कौन से तीखे सवाल?
ये भी पढ़ें-CJI के कड़े सवाल, मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें ; वक्फ केस में अब तक क्या-क्या हुआ? जानिए एक-एक अपडेट
आज सुप्रीम कोर्ट में क्या तय होगा?
- वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाइ न करने का अंतरिम आदेश हो सकता है
- कलेक्टर की शक्तियों को लेकर भी अंतरिम आदेश आ सकता है
- वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर भी कोर्ट अंतरिम आदेश दे सकता है
वक्फ कानून के इन तीन प्रमुख पहलुओं पर चिंता
'वक्फ बाय यूजर' संपत्तियों का दर्जा: अदालत ने कानून के इस प्रावधान पर सवाल उठाया, जिसमें 'वक्फ बाय यूजर' संपत्तियां, जिनको पहले अदालत के आदेशों के तहत वक्फ घोषित किया गया था. इनको नए कानून के तहत अमान्य करने की बात कही गई है. CJI संजीव खन्ना ने कहा कि ऐसी संपत्तियों को डिनोटिफाई करना बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है. क्यों कि कई मस्जिदें और अन्य संपत्तियां सदियों पुरानी हैं. उनके पास रजिस्ट्रेशन दस्तावेज हों ये जरूरी नहीं. अदालत ने साफ किया कि वक्फ के रूप में पहले से मान्य संपत्तियों का दर्जा बदला नहीं जाना चाहिए.
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति: नए वक्फ एक्ट में वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है. कोर्ट ने कहा है कि ये धार्मिक स्वायत्तता के खिलाफ है. अदालत ने इस पर केंद्र से पूछा कि क्या आप हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की इजाजत देंगे. अदालत ने कहा कि मुस्लिमों को ही वक्फ बोर्ड और काउंसिल का स्थायी सदस्य होना चाहिए. एक्स-ऑफिशियो सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं.
कलेक्टर को मिली शक्तियां: नए वक्प एक्ट में कलेक्टर को कुछ शक्तियां दी गई हैं. अगर जिला कलेक्टर किसी संपत्ति की पहचान सरकारी संपत्ति के रूप में करता है तो उसे तब तक वक्फ की संपत्ति नहीं माना जाएगा, जब तक कि अदालत इस पर अंतिफ फैसला न दे दे. सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कलेक्टर की जांच के दौरान संपत्ति का वक्फ दर्जा खत्म नहीं होना चाहिए. वह जांच कर सकता है, लेकिन उसका प्रभाव तब तक लागू नहीं होगा, जब तक कि अंतिम फैसला न हो.
वक्फ कानून रद्द होगा या कोई और रास्ता निकलेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान नए वक्फ कानून के तीन प्रमुख पहलुओं पर गंभीर चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट में आज केंद्र और कानून का समर्थन करने वाले पक्षों को सुना जाएगा. आज की दलीलें ही ये तय करेंगी कि ये कानून रद्द होता या फिर आगे का कोई और रास्ता निकलेगा. सवाल ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर अंतरिम आदेश दिया तो इसका मतलब क्या होगा?
(सुप्रीम कोर्ट में सवाल-जवाब)
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक आदेश पारित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत 'वक्फ बाय यूजर' समेत घोषित वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा. केंद्र ने इसका विरोध किया और सुनवाई की मांग की थी. वहीं एक वादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा था कि वक्फ बाय यूजर' इस्लाम की स्थापित प्रथा है, इसे छीना नहीं जा सकता.