विदेश जाने की ललक में कुछ युवा कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाते है. बिचौलियों को मोटी रकम तो देते है, साथ में खतरा उठाने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ने एक दंपत्ति को पकड़ा जो मेकअप करवा करके बुजुर्ग दिखा रहा था. दरअसल एजेंट ने इनका एक जाली पासपोर्ट बनवाया था और दिल्ली से कनाडा की टिकट करवा दी था. कनाडा जाने के लिए ये पति-पत्नी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए. जब दोनों इमिग्रेशन विंडो पर पहुंचे तो काउंटर पर बैठे शख्स को उन पर शक हुआ. शक की शुरुआत उम्र और आवाज को लेकर हुई. पासपोर्ट में उम्र 67 साल थी. नाम रशविंदर लिखा था.
24 साल निकली आरोपी की आयु
इमिग्रेशन विंडो पर बैठ कर्मचारी को जब शक हुआ तो उसने उनके चलने और स्किन पर ध्यान दिया. जब उसे यात्री की उम्र 67 साल की नहीं लगी तो उसने सीआईएएफ से संपर्क किया. सीआईएसएफ ने पूछताछ की तो पता चला कि ना तो पासपोर्ट असली है ना चेहरा असली है. यहां तक की नाम भी नकली निकला. जांच करने पर पता चला कि यात्री की उम्र 67 साल नहीं बल्कि 24 साल की थी. उसका असली नाम गुरसेवक है. जबकि पासपोर्ट पर उसका नाम रशविंदर लिखा हुआ था.
60 लाख रुपये में बना पासपोर्ट
गुरसेवक ने पूछताछ में बताया कि उसकी मुलाकात जग्गी नाम के एक ट्रेवल एजेंट से हुई. गुरसेवक अमेरिका जाना चाहता था और जग्गी ने उसे कहा कि उसे और उसकी पत्नी को 60 लाख रुपये में वह अमरीका पहुंचा देगा. कनाडा तक फ्लाइट से जाना था और कनाडा के बाद अमेरिका जाने के लिए दोनों को डंकी रूट का इस्तेमाल करना था.
गुरसेवक अमेरिका जाने के लिए इतना उतावला था कि वह जग्गी की बात को मान गया और एडवांस के रूप में 30 लाख रुपये जग्गी को दे दिया. फिर जग्गी ने एक जाली पासपोर्ट तैयार किया और जाली पासपोर्ट पर वीजा लगा और फिर जाली पासपोर्ट की उम्र के हिसाब से गुरसेवक और उसकी पत्नी का मेकअप किया गया.
इस पूरे मामले में एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की गुड सेवक और उसकी पत्नी को फेक पासपोर्ट और गलत तरीके से विदेश जाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पुलिस की टीम पीलीभीत पहुंची और वहां से एजेंट जगजीत उर्फ़ जग्गी को भी गिरफ्तार किया गया. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच जारी है और पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जगजीत ने इस तरीके से कितने लोगों को विदेश भेजा है.