ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने नई दिल्ली दौरे के दौरान भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और विजय माल्या को भारत वापस लाए जाने की कवायद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जॉनसन ने कहा कि ब्रिटिश सरकार उन्हें मुकदमे की सुनवाई के लिए भारत वापस ले जाए जाने की पक्षधर है. उनकी सरकार ऐसे लोगों का स्वागत करना नहीं चाहती जो भारत में कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए ब्रिटेन की कानूनी व्यवस्था का इस्तेमाल करें. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं, लेकिन कानूनी तकनीका खामियों के कारण मामला बेहद कठिन हो गया है.
नीरव मोदी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण से जुड़े सवाल पर प्रेस कान्फ्रेंस में बोरिस जॉनसन ने कहा, ब्रिटिश सरकार चाहती है कि उन्हें वापस ले जाया जाए. वो ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करना चाहती. जॉनसन ने कहा, हमने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि उन पर भारत में ट्रायल चलना चाहिए. शायद मुझे यह कहना चाहिए कि हम भारत से ऐसे लोगों का स्वागत करना चाहते हैं जो प्रतिभा और बुद्धिमता से भरे हैं.
इससे पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था, आर्थिक अपराध के भगोड़े कारोबारियों का प्रत्यर्पण भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है औऱ इस बारे में ब्रिटिश सरकार को अवगत करा दिया गया है. हम चाहते हैं कि इन आरोपियों को भारत लाकर उन्हें न्यायिक कार्यवाही के दायरे में लाया जाए.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि हमारी साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने की काफी संभावनाएं हैं .यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर भारत के रुख पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको यह स्वीकार करना होगा कि बूचा में जो हुआ, उसके खिलाफ भारत मजबूती से सामने आया.
यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले को लेकर जॉनसन ने कहा कि रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं और हर कोई इनका सम्मान करता है . भारत में अधिकारों के हनन की खबरों के बारे में पूछे जाने पर जॉनसन ने कहा कि भारत एक महान लोकतंत्र है और यहां संवैधानिक सुरक्षा की व्यवस्था है.