409 सीटों में से 258 पर 2019 से कम वोटिंग, तो 88 पर कुल वोट घटे, यह ट्रेंड क्या दे रहा संकेत!

गुजरात में 25 प्रतिशत सीटों पर साल 2019 की तुलना में कम वोट पड़े हैं. गुजरात में करीब एक चौथाई सीटों पर कम वोट पड़े. इसी तरह, बिहार में, 24 में से 21 सीटों पर 2019 की तुलना में कम मतदान हुआ.

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नई दिल्‍ली:

वोट बड़ी चोट करते हैं. जब कम पड़ें तब भी. और जब ज्यादा पड़ें तब भी. लोकसभा चुनाव के 5 चरण हो चुके हैं. 428 सीटों पर वोट EVM में लॉक हो चुके हैं. नतीजे 4 जून को आएंगे, लेकिन विश्लेषण अभी से चल रहे हैं. घटे-बढ़े वोट का किस पर क्या असर होगा, इसका गुणा-भाग चल रहा है. इस बीच अभी तक पड़े वोटों का एक दिलचस्प डेटा सामने आया है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 409 में से 258 सीटें ऐसी हैं, जहां 2019 के मुकाबले वोटिंग घटी है. वहीं, 88 सीटों यानी कि हर 5 में से एक सीट पर तो कुल वोटों की संख्या में पांच साल पहले की तुलना में गिरावट देखी गई है. अब वोटरों के इस मूड का क्या अर्थ है, सियासी पंडितों के लिए यह दिलचस्प पहेली बन गया है.  

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राज्य सीटों पर मतदानकम वोट % वाली सीटेंकम वोट वाली सीटें
केरल 20 2012
उत्तराखंड553
राजस्थान252212
तमिलनाडु393418
उत्तर प्रदेश534017
मध्य प्रदेश29239
गुजरात25246
महाराष्ट्र 48206
बिहार24211
आंध्र प्रदेश 2530

ऐसा नहीं है कि किसी एक, या दो-तीन राज्‍यों में किन्‍हीं सीटों पर वोटिंग पर्सेंट घटा है. लगभग हर राज्‍य की सीटों पर कम वोटिंग प्रतिशत की दर देखने को मिली है, कुछ हैरान करने वाली भी है. उदाहरण के लिए केरल की सभी 20 सीटों पर मतदान में गिरावट देखी गई और उनमें से 12 सीटों पर 2019 की तुलना में ईवीएम में कम वोट दर्ज किए गए. वहीं, उत्तराखंड में भी सभी इस बार पांच सीटों पर कम मतदान हुआ. 

हिंदी भाषी राज्यों में थोड़ा अलग ट्रेंड

राजस्थान और तमिलनाडु का भी कुछ यही हाल है... यहां लगभग आधी सीटों पर मतदाताओं की पूर्ण संख्या में गिरावट देखी गई और इन राज्यों में लगभग 90% सीटों पर कम मतदान दर्ज किया गया. यूपी और मध्य प्रदेश में भी तीन-चौथाई सीटों पर कम मतदान हुआ, लेकिन इन हिंदी भाषी राज्यों में केवल एक तिहाई सीटों पर 2019 की तुलना में कम वोट दर्ज किए गए. ये थोड़ी राहत की बात है.

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गुजरात-महाराष्‍ट्र के वोटर काफी पीछे...!

गुजरात में 25 प्रतिशत सीटों पर साल 2019 की तुलना में कम वोट पड़े हैं. गुजरात में करीब एक चौथाई सीटों पर कम वोट पड़े. इसी तरह, बिहार में, 24 में से 21 सीटों पर 2019 की तुलना में कम मतदान हुआ, लेकिन केवल एक में वोटों की पूर्ण संख्या में गिरावट देखी गई. महाराष्ट्र में, 48 में से 20 सीटों पर कम मतदान हुआ, लेकिन केवल छह सीटों पर मतदान के दिन कम लोग वोट देने आए. दिलचस्प बात यह है कि देश भर में जिन 409 सीटों का विश्लेषण किया जा रहा है, उनमें से जिन छह सीटों पर 2019 की तुलना में कम मतदाता थे, उनमें से पांच महाराष्ट्र में थीं और इनमें पुणे और मुंबई दक्षिण शामिल थे.

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आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में इस बार 2019 की तुलना में कम वोटों वाली कोई सीट नहीं थी. हालांकि उनमें से कुछ में कम मतदान दर्ज किया गया था. छत्तीसगढ़ एकमात्र प्रमुख राज्य था, जिसमें हर सीट पर मतदान और पूर्ण वोट संख्या दोनों अधिक थी. हालांकि चुनाव आयोग ने प्रत्येक सीट पर डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या पर डेटा नहीं दिया है, लेकिन मतदाताओं का पता है और मतदान प्रतिशत भी दिया गया है. 

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