आम चुनाव के पहले चरण में पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को जिन तीन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, उनमें कूचबिहार निर्वाचन क्षेत्र पर सभी की नजर होगी. कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी निसिथ प्रमाणिक का तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया से मुकाबला है. इसी संसदीय क्षेत्र के सीतलकुची में 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हुई थी. इस घटना को वर्तमान चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने मुद्दा भी बनाया है.
प्रमाणिक और तृणमूल कांग्रेस के दिन्हाटा के विधायक एवं उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा के बीच पुरानी प्रतिद्वंद्विता इन चुनावों में नजर आई. दोनों ने एक-दूसरे पर खूब आरोप लगाए. पश्चिम बंगाल में 2018 के पंचायत चुनाव के बाद प्रमाणिक तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे. सीतलकुची और दिन्हाटा, कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र हैं. इस लोकसभा क्षेत्र की दक्षिणी और पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं. निर्वाचन आयोग कूच बिहार में केंद्रीय बलों की 112 कंपनियां और 4500 पुलिसकर्मियों को तैनात कर रहा है, जो दो अन्य संसदीय क्षेत्रों से करीब दोगुणा हैं. बाकी दो संसदीय क्षेत्र चुनाव प्रचार के दौरान अपेक्षाकृत शांत रहे.
2019 में यह थी स्थिति
2021 के विधानसभा चुनाव में सीतलकुची में एक मतदान केंद्र पर सीआईएसएफ के कर्मियों की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने वहां उस बल के किसी भी कर्मी को तैनात नहीं करने का निर्णय लिया है. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस उत्तरी बंगाल के इन लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश में जुटी रहीं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलपाईगुड़ी तथा कूच बिहार में जनसभाओं को संबोधित किया. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी तथा पार्टी में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले नेता अभिषेक बनर्जी ने इन स्थानों पर कई रैलियां और रोडशो किये. भाजपा ने 2019 के पिछले आम चुनाव में ये तीनों लोकसभा सीट जीती थीं. 2021 के विधानसभा चुनाव में कूच बिहार और अलीपुरद्वार भाजपा की मजबूत पकड़ वाले क्षेत्र थे. पार्टी ने कूचबिहार में सात में से पांच विधानसभा क्षेत्रों तथा अलीपुरद्वार में छह विधानसभा क्षेत्रों में विजय दर्ज की थी, लेकिन जलपाईगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस ने पांच तथा भाजपा ने दो सीट जीती थीं.
यह बना है समीकरण
प्रधानमंत्री मोदी ने तृणमूल नेताओं के कथित ‘भ्रष्टाचार', संदेशखाली प्रकरण समेत कानून व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा, जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने राज्य को केंद्रीय कोष नहीं मिलने, 2021 में सीतलकुची में हुई गोलीबारी, नागरिकता संशोधन अधिनियम आदि को मुद्दा बनाया. भाजपा ने जलपाईगुडी से जयंत राय और कूच बिहार से प्रमाणिक को फिर से लोकसभा चुनाव में उतारा, जबकि पिछली बार के विजेता जॉन बरला के स्थान पर पार्टी के महादलित विधायक मनोज टिग्गा को तीसरे संसदीय क्षेत्र अलीपुरद्वार से प्रत्याशी बनाया. तृणमूल कांग्रेस ने सभी तीनों सीट पर प्रत्याशियों को बदल दिया. उसने अलीपुरद्वार से प्रकाश चिक बराइक, जलपाईगुड़ी से निर्मल चंद्र रॉय और कूच बिहार से सिताई के विधायक बसुनिया को प्रत्याशी बनाया. वाममोर्चा और कांग्रेस 2024 का यह चुनाव सीट साझेदारी समझौते के अनुसार लड़ रहे हैं.