'अब आप सचिन पायलट का नाम ले रहे, मतलब साफ है कि...'- अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर लगाए आरोप

Rajasthan Voice tape Row: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कानून को अपना काम करना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री को अपनी आवाज का नमूना देने में क्या दिक्कत है.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
जयपुर:

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर एक बार साल 2020 में राजस्थान में आए सियासी संकट का मुद्दा उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत और राजस्थान के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट साल 2020 में सरकार गिराने की साजिश में एक साथ थे. दोनों ने विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर बातचीत की थी. 

लंबे समय से विवाद जारी

मालूम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री गजेंद्र शेखावत के बीच लंबे समय से एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा आवाज के नमूने मांगने को लेकर विवाद जारी है. आरोप है कि वे (गजेंद्र शेखावत) दो साल पहले गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह के दौरान कांग्रेस के बागी विधायकों के संपर्क में थे. इससे संबंधित टेप भी वायरल हुआ था. ऐसे में टेप की सत्यता की पुष्टि के लिए केंद्रीय मंत्री से आवाज के सैंपल मांगे गए है. हालांकि, शेखावत ने अभी तक राजस्थान एसीबी के समन का जवाब नहीं दिया है, लेकिन अब उन्हें अपनी आवाज के नमूने उपलब्ध कराने के लिए अदालत के माध्यम से नोटिस दिया गया है. 

कांग्रेस और बीजेपी के नेता आमने सामने

नोटिस जारी होने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के नेता आमने सामने आ गए हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति के लिए पुलिस और अन्य राज्य एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कानून को अपना काम करना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री को अपनी आवाज का नमूना देने में क्या दिक्कत है.

एसीबी ने दायर की थी पुनरीक्षण याचिका

गहलोत ने यह भी कहा कि शेखावत सरकार गिराने के प्रयास में मुख्य किरदार थे और उनका खुलासा हो चुका है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (जयपुर महानगर) ने पिछले सप्ताह शेखावत की आवाज के नमूने की मांग वाली एसीबी की पुनरीक्षण याचिका पर शेखावत को नोटिस जारी किया था. निचली अदालत द्वारा अर्जी खारिज होने के बाद एसीबी ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.

जानें क्या है पूरा मामला 

उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के कारण उपजे राजनीतिक संकट के दौरान टेलीफोन बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप सामने आए थे. तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस बातचीत में एक आवाज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की है जो राज्य सरकार को गिराने की साजिश की बात कर रहे हैं. इस ऑडियो क्लिप के आधार पर सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयासों की शिकायत एसीबी में दर्ज कराई थी.

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जुलाई 2020 में राज्य सरकार को गिराने की साजिश के सिलसिले में संजय जैन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने ऑडियो क्लिप के संबंध में संजय जैन से भी पूछताछ की थी. संजय जैन ने कथित रूप से कबूला था कि उन्होंने शेखावत से साजिश के बारे में फोन पर बात की थी, जिसके बाद एसीबी ने शेखावत की आवाज के नमूने के लिए निचली अदालत से अनुमति मांगी थी, लेकिन अदालत ने पिछले साल आवेदन को खारिज कर दिया.

Advertisement

फोन टैपिंग विवाद के बाद, शेखावत ने पिछले साल मार्च में दिल्ली पुलिस में राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के विशेष अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और अवैध रूप से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोन पर बातचीत) को कैद कर लेने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस शर्मा से पहले ही पूछताछ कर चुकी है.

यह भी पढ़ें -

महाराष्ट्र संकट: 'बागियों' पर कार्रवाई के बीच देवेंद्र फडणवीस से मिले शिंदे! शिवसेना ने CM उद्धव ठाकरे को माना नेता; 10 बातें
उपचुनाव नतीजे : 3 लोकसभा और 7 विधानसभा सीटों पर मतगणना शुरू; संगरूर, रामपुर और आजमगढ़ पर टिकी निगाहें- 10 बड़ी बातें

Advertisement
Featured Video Of The Day
America में इतिहास रचने वाली पहली Muslim महिला Ghazala Hashmi India आने को बेचैन क्यों? | Virginia
Topics mentioned in this article