जिसने दिया जन्म, उसे खबर ही नहीं : ऐसे मां-बाप को संभाल रहे बेबी केयर सेंटर के पीड़ित परिवार

रूही का जन्म 10 मई को हुआ था और उसका परिवार कड़कड़डूमा में रहता है. मसी आलम, एक मजदूर और अग्निकांड के पीड़ितों में से एक के पिता ने पांच साल पहले एक बेटे को खो दिया था.

Advertisement
Read Time: 3 mins

दिल्ली में बच्चों के एक अस्पताल में आग लगने की घटना में जान गंवाने वाले शिशुओं के परिजन उनकी पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं. अपनी 11 दिन की बेटी को खोने वाले पिता ने कहा, ‘‘अल्लाह को प्यारी हो गई मेरी बेटी.'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी का जन्म 15 मई को दूसरे अस्पताल में हुआ था. उन्होंने हमसे उसे चिकित्सा निगरानी के लिए 72 घंटे तक ‘चाइल्ड केयर' अस्पताल में रखने के लिए कहा. उसके बाद, हमने उसे चाइल्ड केयर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह पिछले 10 दिनों से थी.''

17 दिन की बच्ची रूही को दो दिन पहले बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आग लगने से उसकी मौत हो गई. रूही की मां ने कहा, ‘‘कल मैं अपने बच्ची से मिली और आज सुबह हमें आग लगने की सूचना मिली. तब से हम उसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमने बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार के लिए उसे इस अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन हमें नहीं पता था कि यह अस्पताल हमारी इकलौती बच्ची को छीन लेगा.''

Advertisement

रूही का जन्म 10 मई को हुआ था और उसका परिवार कड़कड़डूमा में रहता है. मसी आलम, एक मजदूर और अग्निकांड के पीड़ितों में से एक के पिता ने पांच साल पहले एक बेटे को खो दिया था.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपना नवजात बेटा खो दिया है. उनके पास किस प्रकार की सुविधाएं हैं? आप उन माता-पिता से पूछिये, जिन्होंने अपने बच्चों के इलाज के लिए अपने गहने बेचे हैं या ब्याज पर पैसे लिए हैं. मेरी तीन साल की बेटी है और करीब पांच साल पहले मैंने एक बेटे को खो दिया था.''

एक अन्य अग्नि पीड़ित के रिश्तेदार परविंदर कुमार ने कहा, ‘‘हमने अभी तक बच्ची की मां को भी इस घटना के बारे में सूचित नहीं किया है.''

कुमार ने कहा, ‘‘मेरे रिश्तेदार पवन कुमार की यह पहली संतान थी. हमें नहीं पता कि घटना कैसे घटी. बच्ची का जन्म लगभग छह दिन पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल में हुआ था और उसे उसी दिन चाइल्ड केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.''

मालिक और डॉक्टर गिरफ्तार
अब तक जांच में पता चला है कि आज लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है. डॉक्टर आकाश और डॉक्टर नवीन को अरेस्ट किया गया है ,आकाश ने बीएएमएस किया है. एफआईआर में आईपीसी 304 और 308 की धारा जोड़ दी गई है. हादसे के वक्त ऑक्सीजन के 32 सिलिंडर थे.

Advertisement

सेंटर में एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था
बेबी केयर सेंटर में एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था . नवजात बच्चों को रखने के लिए एक दिन के ₹15000 लिया जाता था.  साल 2021 में एक केस दर्ज हुआ था क्योंकि नवीन के केयर सेंटर में एक नर्स का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक बच्चे को पीट रही थी. 

ये  भी पढे़ं:- 
बेबी केयर सेंटर का वो काला चिट्ठा, जानें- किन लापरवाहियों ने ले ली 7 मासूमों की जिंदगी
दिल्ली के जिस बेबी केयर सेंटर में आग से गई 7 बच्चों की जान, उसका मालिक और डॉक्टर गिरफ्तार

Advertisement
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: जेल में बंद कैदियों के लिए बिल लाने पर लगी मुहर | Mohan Yadav