UPSC टॉपर्स की फोटो दिखाकर महंगे कोर्स बेचने का खेल खत्म! Vision IAS पर लगा 11 लाख रुपये का जुर्माना

Vision IAS ने अपनी वेबसाइट पर ऐसे विज्ञापन दिए थे, जिनमें दावा किया गया था कि CSE 2023 में टॉप 10 में 7 और टॉप 100 में 79 चयनित हुए और CSE 2022 में टॉप 50 में 39 चयनित हुए. इन विज्ञापनों में सफल उम्मीदवारों के नाम, तस्वीरें और रैंक प्रमुखता से दिखाए गए थे.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्यरत संस्था सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने गुरुवार को कोचिंग संस्थान Vision IAS (Ajay Vision Education Private Limited) पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. संस्थान पर आरोप था कि उसने UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2022 और 2023 के परिणामों को लेकर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए.

यह कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत की गई है.

भ्रामक दावों का मामला क्या था?

मंत्रालय के अनुसार Vision IAS ने अपनी वेबसाइट पर ऐसे विज्ञापन दिए थे, जिनमें दावा किया गया था कि CSE 2023 में टॉप 10 में 7 और टॉप 100 में 79 चयनित हुए और CSE 2022 में टॉप 50 में 39 चयनित हुए. इन विज्ञापनों में सफल उम्मीदवारों के नाम, तस्वीरें और रैंक प्रमुखता से दिखाए गए थे.

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जांच के दौरान CCPA ने पाया कि संस्थान ने सिर्फ शुभम कुमार (UPSC CSE 2020 टॉपर) के GS Foundation Batch (Classroom) की जानकारी सार्वजनिक की, लेकिन अन्य सफल उम्मीदवारों ने कौन सा कोर्स किया था, यह जानबूझकर छिपा लिया. इससे यह गलत धारणा बनती थी कि सभी उम्मीदवारों ने Vision IAS का वही फाउंडेशन कोर्स किया था, जबकि वास्तविकता कुछ और थी.

जांच में क्या सामने आया?

CCPA की विस्तृत जांच में पाया गया संस्थान ने UPSC CSE 2022 और 2023 में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया. इनमें से केवल 3 उम्मीदवारों ने Vision IAS का Foundation Course किया था. बाकी 116 उम्मीदवार सिर्फ टेस्ट सीरीज, प्रैक्टिस टेस्ट, मॉक इंटरव्यू जैसी सेवाओं से जुड़े थे.

इस महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाकर Vision IAS ने छात्रों और अभिभावकों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि संस्था ही इन चयनित उम्मीदवारों की पूर्ण सफलता के लिए ज़िम्मेदार थी. CCPA ने कहा कि यह कृत्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत स्पष्ट रूप से भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आता है.

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कोर्स फीस और भ्रामक प्रचार पर भी उठे सवाल

उसी विज्ञापन में Vision IAS ने अपने महंगे Foundation Course का भी प्रचार किया था, जिसकी फीस लाखों रुपये तक जाती है. CCPA के मुताबिक यह विज्ञापन छात्रों को भ्रमित कर असत्यापित और अतिरंजित दावों (exaggerated claims) के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश थी.

Vision IAS पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब Vision IAS भ्रामक विज्ञापन को लेकर जांच के दायरे में आया है. CCPA पहले भी इस संस्थान के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है. अब तक CCPA 57 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेज चुका है. 28 कोचिंग संस्थानों पर कुल 1.09 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगा चुका है और सभी को तुरंत भ्रामक विज्ञापन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.

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