विश्व हिंदू परिषद ने की ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति की पूजा-पाठ की मांग

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि "ज्ञानवापी संरचना से एएसआई द्वारा एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजुखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा की मांग की. साथ ही इन्तज़ामिया कमिटी से ज्ञानवापी को किसी अन्य जगह शिफ्ट कर ज्ञानवापी परिसर को काशी विश्वनाथ समिति को ज़मीन देने का आग्रह किया.

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि "ज्ञानवापी संरचना से एएसआई द्वारा एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था. मंदिर की संरचना का एक हिस्सा, विशेष रूप से पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है. रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि मस्जिद की अवधि बढ़ाने और सहन के निर्माण में संशोधनों के साथ स्तंभों और स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का पुन उपयोग किया गया था."

उन्होंने कहा कि जिसे वज़ुखाना कहा जाता था उसमें मौजूद शिवलिंग से इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि इस संरचना में मस्जिद का चरित्र नहीं है. उन्होंने कहा कि संरचना में पाए गए शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर सहित नामों की खोज इसके मंदिर होने का स्पष्ट प्रमाण है.

Advertisement

आलोक कुमार ने यह भी कहा कि एकत्र किए गए साक्ष्य और एएसआई द्वारा प्रदान किए गए निष्कर्ष यह साबित करते हैं कि इस पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में था और वर्तमान में एक हिंदू मंदिर है. इस प्रकार, पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की धारा 4 के अनुसार भी, संरचना को हिंदू मंदिर घोषित किया जाना चाहिए.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
यूपी में कांग्रेस को 11 सीटें देगी समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी जानकारी

Featured Video Of The Day
IPL 2025: Mumbai ने Kolkata को 8 विकेट से हराया, दर्ज की सीजन की पहली जीत | Ashwani Kumar