राजस्थान के बीकानेर में लम्पी बीमारी से ग्रस्त मृत मवेशियों के शव एक मैदान में फेंके जाने की तस्वीरें वायरल हुई हैं. पोस्ट में दावा किया गया है कि इन गायों की मौत 'लम्पी' के कारण हुई हैं, दूसरी ओर प्रशासन ने इससे इनकार किया है. इन तस्वीरों को कई समाचार पत्रों ने लिया है जिसमें दावा किया गया है कि लम्पी के कारण बीकानेर में रोजाना 250 से अधिक गौवंश की मौत हो रही है. दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने इन खबरों को भ्रामक करार दिया है. बता दें, लम्पी वायरस एक त्वचा रोग का कारण बनता है जो मवेशियों को प्रभावित करता है. यह कुछ मक्खियों-मच्छरों या किल्लियों (ticks) के द्वारा फैलता है.
बीकानेर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा, ""यह क्षेत्र मृत जानवरों के निपटान (dispose)के लिए एक सीमांकित क्षेत्र है. शहर की सीमा के भीतर मरने वाले जानवरों के शवों को यहां लाया जाता है, त्वचा को हटा दिया जाता है और कंकाल को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है. ठेकेदार बाद में इन हड्डियों को बाजार में बेचने के लिए उठाता है. लगभग 1,000 जानवरों के शव यहां हमेशा पाए जाते हैं. यह वह फोटो है जो सर्कुलेट की जा रही है."
जिला कलेक्टर ने कहा कि जोड़बीड़ का यह क्षेत्र पिछले 50 वर्षों से गिद्ध संरक्षण क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि लम्पी वायरस से मरने वाले जानवरों को यह नहीं लाया जा रहा है. हमने ऐसे शवों के लिए अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित किए हैं और वे जानवर जमीन के नीचे दबे हुए हैं." राजस्थान सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लम्पी बीमारी के कारण राज्य के 10,04,943 जानवर प्रभावित हुए हैं, इसमें से 84,369 बीकानेर में हैं. राज्य सरकार ने आगे बताया कि इस बीमारी के कारण राज्य में अब तक 2,573 मवेशियों की मौत हुई है. लम्पी बीमारी फैलने के कारण पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश ने राजस्थान से पशुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर गांव में दो गायों के लम्पी वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया.
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