सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के गांव के लोगों का प्रदर्शन, कर्नाटक में शामिल होने की दी चेतावनी

महाराष्ट्र और कर्नाटक का सीमा विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में है. पिछले दिनों ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई भी इस संवेदनशील मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं.

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महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच का सीमा विवाद पर गर्माया
मुंबई:

महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद फिर भड़कने लगा है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और सियासी बयानबाज़ी के बीच कर्नाटक की सीमा के क़रीब महाराष्ट्र के कुछ गांवों में प्रदर्शन शुरू हुए हैं. कर्नाटक के समर्थन में नारे लग रहे हैं. और ग्रामीण, महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दे रहे हैं.  हाथों में कर्नाटक का झंडा, कंधे पर झंडे के रंग का स्कार्फ़ टांगे, ‘कर्नाटक सरकार की जय' नारे लगाते, मार्च निकाल रहे ये लोग महाराष्ट्र के सांगली ज़िले से हैं. कर्नाटक की सीमा से सटे जत तालुका के तिकोंडी गांव के निवासी हैं, जो आरोप लगाते  हैं कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन्हें पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं. इसलिए इनका गांव कर्नाटक में शामिल होना चाहता है. आठ दिनों के बाद आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है. 

सुनील पोतदार, अध्यक्ष, जत तहसील पानी संघर्ष समिति ने कहा,"हमने आठ दिनों का राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है. अगर पानी की समस्या का हल नहीं निकला, मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने हमारी समस्या का निदान नहीं किया तो हम कर्नाटक में शामिल होने के लिये आंदोलन शुरू कर देंगे." वहीं अपनी समस्याओं का जिक्र करते हुए एक किसान ने कहा,"जत तालुका के 40 गांवों में सुविधाओं का घोर अभाव है. हमारे पास पहली से चौथी कक्षा तक का एक स्कूल है, लेकिन केवल एक शिक्षक है. यहां चिकित्सा केंद्रों में डॉक्टर नहीं हैं. गांव में सिर्फ 10-15 फीसदी लोगों की मूल भाषा मराठी है, हालांकि, वे भी मराठी नहीं बोलते हैं."

अगर महाराष्ट्र सरकार हमें पानी समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराती है तो हम उनके साथ कर्नाटक राज्य जाने की जिद क्यों करेंगे. महाराष्ट्र और कर्नाटक में सीमा को लेकर  विवाद कोई आज का नहीं बल्कि 50 साल से ज़्यादा पुराना है. ये मामला 18 साल से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.  कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई द्वारा जत तालुका और अक्कलकोट के साथ सोलापुर के कुछ कन्नड़-भाषी क्षेत्रों को अपने राज्य में मिलाए जाने संबंधी दावा करने के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा मुद्दे पर एक नए सिरे से बहस छिड़ गई है.

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इधर, पत्रा चॉल घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आए संजय राउत पर अब महाराष्ट्र- कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सीमा विवाद को लेकर मार्च 2018 में विवादित बयान देने के मामले में कर्नाटक की बेलगांव कोर्ट ने राउत को समन जारी करते हुए 1 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है. वहीं, कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा विवाद पर दोनो ही राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई. 3 दिसंबर को महाराष्ट्र से 2 मंत्रियों का दल बेलगावी जाने वाला है.

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