नीतीश कटारा हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है. 22 साल से सजा काट रहे विकास को मां के इलाज के लिए जमानत मिली है हालांकि कोर्ट ने यह जमानत कई शर्तों के साथ दी है. साथ ही कोर्ट ने नीतिश कटारा के परिवार की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है.
किसी भी गवाह से संपर्क नहीं कर सकता विकास
सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव की जमानत कई शर्तों के साथ किया है. विकास यादव को 1 लाख का जमानत बांड प्रस्तुत करना होगा. यादव को अपने घर तक ही सीमित रहना होगा और उसे केवल नेहरू नगर गाजियाबाद में यशोदा अस्पताल जाने की अनुमति होगी. विकास को स्थानीय पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना होगा. वह अजय कटारा, नीलम कटारा और मामले में किसी अन्य गवाह से संपर्क करने का प्रयास नहीं करेगा.
मां की स्थिति देख कोर्ट ने दी जमानत
विकास यादव ने नीतीश कटारा हत्याकांड में 22 साल 10 महीने की सजा काटी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ध्यान दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि विकास यादव की मां को तुरंत एम्स में भर्ती कराया जाए. कोर्ट ने कहा कि हम उसकी मां की स्वास्थ्य स्थिति के सीमित उद्देश्य के आधार पर जमानत याचिका पर विचार कर रहे हैं, जो अस्पताल में आती-जाती रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने डॉ विपिन त्यागी को इस कोर्ट में पेश होकर उनके स्वास्थ्य के बारे में बताने का निर्देश दिया था. दूसरी तरफ पुलिस और नीलम कटारा ने उनकी जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है.
क्या है नीतीश कटारा हत्याकांड
नोएडा के राजनीतिज्ञ और कारोबारी डीपी यादव की बेटी भारती यादव को प्रेम हुआ था. प्रेमी थे नीतिश कटारा. हालांकि भारती के परिवार यानी डीपी यादव को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. भारती के भाई विकास और नीतिश के बीच कई बार तकरार हुई. ऐसी ही एक तकरार में विकास ने नीतिश को मौत के घाट उतार दिया. मामला कोर्ट में लंबा चला और उन्हें 30 साल की सजा सुनाई गई.