16 दिसंबर का दिन देश के वीर जवानों के शौर्य और पराक्रम को सलाम करने का दिन है. देशभर में 16 दिसंबर का दिन विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. आज से ठीक 50 साल पहले करीब 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और "मुक्ति वाहिनी" की संयुक्त सेना के सामने सरेंडर कर दिया था, जिससे बांग्लादेश के उदय का मार्ग प्रशस्त हुआ. तब से, भारतीय सैनिकों के शौर्य और कुर्बानियों को याद करने के लिए 16 दिसंबर को 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत विभिन्न राजनेताओं ने विजय दिवस की 'स्वर्ण जयंती' पर वीर सैनिकों को नमन किया है. इस बीच, हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम चाहते तो पाकिस्तानी के 93,000 युद्ध बंदियों के छोड़ने के बदले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) ले सकते थे.
विजय दिवस के मौके पर अनिल विज ने अपने ट्वीट में लिखा, "1971 में युद्ध के मैदान में सैनिकों द्वारा जीती गई जंग राजनेताओं ने शिमला एग्रीमेंट में टेबल पर हारी. हमारे पास 93,000 युद्ध बंदी ( POW) थे अगर हम चाहते तो उनको छोड़ने के बदले में हम पीओके ले सकते थे, लेकिन हमने कोई बारगेन नहीं की. यह बहुत बड़ी भूल थी जिसे हम आज तक भुगत रहे हैं."
पीएम मोदी ने वीरों को नमन करते हुए कहा, "50वें विजय दिवस पर, मैं मुक्तिजोद्धों, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीरों की महान वीरता और बलिदान को याद करता हूं. हमने साथ मिलकर दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया. बांग्लादेश में राष्ट्रपति (रामनाथ कोविंद) जी की उपस्थिति प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष महत्व रखती है."
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "भारतीय सैनिकों के अद्भुत साहस व पराक्रम के प्रतीक ‘विजय दिवस' की स्वर्ण जयंती पर वीर सैनिकों को नमन करता हूं. 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों पर विजय कर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की परंपरा के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा था. सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं."