वियतनाम की नेशनल असेंबली (संसद) के अध्यक्ष महामहिम वुओंग दिन्ह हुए के नेतृत्व में भारत के दौरे पर आए एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात की. इस बात का उल्लेख करते हुए कि वर्ष 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा तथा दिसंबर 2020 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन से भारत-वियतनाम संबंधों को एक नई दिशा मिली है. लोकसभा अध्यक्ष ने संतोष व्यक्त किया कि राजनीतिक आदान-प्रदान से लेकर रक्षा, व्यापार, वाणिज्य, तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि आज वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और भारत-प्रशांत लक्ष्यों के लिए एक प्रमुख सहभागी है. ओम बिड़ला ने जोर देकर कहा कि हम भारत-वियतनाम की संसदीय डिप्लोमेसी को और मजबूत करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से हम भारत-वियतनाम मैत्री समूह का गठन कर रहे हैं, ताकि हमारे प्रतिनिधिगण निरंतर आपसी चर्चा के माध्यम से दोनों देशों की संसदों के आपसी संबंधों को नया आयाम दे सकें.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच व्यापार एवं वाणिज्यिक संस्थाओं के माध्यम से आपस में वस्तुओं और सेवाओं का व्यापारिक आदान-प्रदान और अधिक होनी चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की श्रृंखला और मजबूत हो. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वियतनाम में भारत के निवेशक भी मौजूद हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के अंदर सराहनीय योगदान कर रहे हैं. ओम बिड़ला ने विश्वाश व्यक्त किया कि सतत विकास और हरित अर्थव्यवस्था में सहयोग दोनों देशों के मध्य भावी साझेदारी के लिए नया अवसर है.
उन्होंने याद दिलाया कि भारत और वियतनाम के प्रधानमंत्रियों ने COP-26 की बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिसके अच्छे परिणाम होंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव, सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे और अन्य सांसद भी इस अवसर पर उपस्थित रहे.