भाजपा द्वारा त्रिपुरा में एक नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति से पार्टी के कुछ विधायक नाराज हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी के नेतृत्व ने उनसे सलाह नहीं ली. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद भाजपा ने इस उत्तर-पूर्वी राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले डॉ माणिक साहा को उनके स्थान पर नियुक्त किया. पेशे से दंत चिकित्सक 69 वर्षीय डॉ साहा पिछले महीने राज्यसभा सांसद चुने गए थे और त्रिपुरा भाजपा प्रमुख भी हैं.
पार्टी के कार्यक्रम में जहां भाजपा ने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की, वहीं पार्टी विधायक और राज्यमंत्री राम प्रसाद पॉल अपने सहयोगियों के साथ बहस करते हुए दिखाई दे रहे थे. वे चिल्लाए और फिर फर्श पर रखी एक प्लास्टिक की कुर्सी तोड़ दी.
बताया जाता है कि पॉल चाहते थे कि उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया जाए,जो कि त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के सदस्य हैं.
नए मुख्यमंत्री की घोषणा के दौरान पॉल भाजपा विधायकों से बहस करते हुए और कुछ विधायक एक-दूसरे को धक्का देते हुए भी दिखाई दिए.
भाजपा विधायक परिमल देबबर्मा ने कहा कि साहा को मुख्यमंत्री नियुक्त करने से पहले पार्टी के भीतर कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ था.
भाजपा शासित त्रिपुरा में पैठ बनाने की कोशिश कर रही तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के कई दृश्य ट्वीट किए और बिप्लब देब को मुख्यमंत्री पद से हटाने पर कटाक्ष किया.
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, "गुंडागर्दी सबसे अच्छी. राम प्रसाद पॉल से लेकर त्रिपुरा के कई अन्य भाजपा विधायकों, मंत्रियों और नेताओं तक, बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद अफरा-तफरी होना एक बार फिर साबित करता है कि भाजपा के नेतृत्व में राज्य अपने सबसे बुरे समय की ओर बढ़ रहा है."
नए मुख्यमंत्री सन 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे.