लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Violence Case) में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka GandhI) और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deependra Singh Hooda) को धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है. प्रियंका गांधी रविवार देर रात लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई थीं, लेकिन उन्हें सीतापुर (Sitapur Police Line) में ही हिरासत में ले लिया गया और पुलिस लाइन में हिरासत में रखा गया. बाद में वो हिरासत वाले कक्ष में ही झाड़ू लगाकर सफाई करती भी दिखीं. प्रियंका गांधी लखीमपुर में हिंसा के दौरान मारे गए किसानों के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही थीं. उन्होंने हिरासत में सत्याग्रह शुरू किया है और उनकी एक ही मांग है कि किसानों से मिले बिना नहीं जाऊंगी. आरोप है कि पुलिस ने प्रियंका गांधी तक कानूनी सहायता तक नहीं पहुंचने दी.
इससे पहले सोमवार सुबह प्रियंका गांधी को हरगांव के पास पुलिस हिरासत में लिए जाने के दौरान उनकी यूपी पुलिस के अफसरों से तीखी बहस हुई थी. प्रियंका गांधी ने पुलिस अफसरों से कहा कि वे उन्हें ऐसे हिरासत में नहीं ले सकते. अगर वो बिना वारंट के उन्हें ले जाते हैं और धक्का-मुक्की करते हैं तो यह अपहरण, छेड़छाड़ और हिंसा का मामला बनता है.
प्रियंका गांधी ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे गिरफ्तारी का वारंट बड़े अधिकारियों औऱ मंत्रियों से लेकर आएं. गिरफ्तारी का वारंट दिखाएं और हथकड़ी लगाकर उन्हें ले जाएं तो वो खुशी खुशी साथ जाने को तैयार हो जाएंगी. पुलिस अफसरों ने जब महिला पुलिसकर्मियों को आगे कर उन्हें कहा कि महिलाओं को आगे न करें. थोड़ा बहुत कानून वो भी जानती हैं. यूपी में भले ही कानून का पालन न हो, लेकिन देश में कानून है.
प्रियंका ने रविवार को लखीमपुर खीरी घटनाके बाद ट्वीट कर कहा था, बीजेपी देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? अगर वो आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर कुचल दोगे? बहुत हो चुका. ये किसानों का देश है, बीजेपी की निर्दयी विचारधारा की जागीर नहीं है.