प्रेस इन्फ़ॉरमेशन ब्यूरो, यानी PIB समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रकाशित और पोस्ट होने वाली फर्ज़ी ख़बरों (Fake News) और फ़ेक वीडियो (Fake Video) को उजागर करता रहता है. ये ऐसे वीडियो और ख़बरें होती हैं, जिनके ज़रिये झूठी बातें, अफ़वाहें फ़ैलाई जाती हैं. PIB ने ऐसा ही एक फर्ज़ी वीडियो शुक्रवार को भी उजागर किया है, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को 'राष्ट्रीय मधुमेह उपचार कार्यक्रम' के बारे में बोलते हुए देखा जा सकता है.
इस फर्ज़ी वीडियो (Fake Video) में केंद्रीय मंत्री बेहद मैकेनिकल तरीके से बोलते नज़र आते हैं, और उनके हिलते होंठ भी बोले हुए शब्दों से मेल नहीं (Lip Sync Mismatch) खा रहे हैं. इसके अलावा, इस पर NDTV का लोगो (NDTV Logo) भी लगा हुआ नज़र आ रहा है, जो NDTV के वास्तविक लोगो से कतई अलग है. इस वीडियो में जिस तरीके से मंत्री बोल रहे हैं, उससे साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि यह वीडियो आर्टिफ़िशयल इन्टेलिजेन्स, यानी AI की मदद से तैयार किया गया है, और उनके मुंह से निकलते शब्द भी उनके होंठों की गति से कतई मेल नहीं खा रहे हैं.
जिस पोस्ट में PIB ने इस फ़र्ज़ी वीडियो को उजागर किया है, उस पर यूज़रों ने भी कमेंट कर आर्टिफ़िशयल इन्टेलिजेन्स को खतरनाक करार दिया है, और ऐसी हरकतें करने वाले दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. @abhinavbgs नामक यूज़र ने लिखा, "AI बहुत ख़तरनाक है, बैन लगाओ इस पर..." @piyushfofandi नामक यूज़र ने दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
@BlwBisht नामक यूज़र ने भी इस वीडियो को AI से बनाए गए घोटाले की संज्ञा दी है. @BDsVouch नामक यूज़र ने एक कदम आगे बढ़ते हुए यह भी बताया है कि चूंकि इस वीडियो में बोलते वक्त मंत्री की गर्दन में कोई हरकत नहीं हो रही है, इसलिए यह फ़ेक है. @ritesh7485 ने भी इसे AI का दुरुपयोग करार दिया है. @the_real_udit ने भी इसे 'Deep Fake' के नाम से पुकारा है.