VIDEO: पंजाब के पूर्व डीजीपी ने जताई आशंका, शायद पुलिस में ही है कोई अमृतपाल का मददगार

पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत ने NDTV से कहा- अमृतपाल को हर जगह शरण मिलने का अर्थ है स्लीपर सेल एक्टिवेट हो गई हैं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए इसका नोटिस सरकारों को अभी लेना चाहिए

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पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा- अमृतपाल सिंह को कहां जाना है, कहां शरण लेनी है, इस बारे में गाइड कौन कर रहा है?

नई दिल्ली:

खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह की तलाश जारी है. इस बीच उसे लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. पुलिस के लाख प्रयासों के बाद भी अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत से बात की. खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के फरार होने के 11 दिन बाद भी नहीं पकड़े जाने पर उन्होंने कहा कि, ''नि:संदेह उसका न पकड़ा जाना बड़ा सवाल बन गया है. सवाल सिर्फ 11 दिन का नहीं है. यह शुरू होता है तब से जब वह पंजाब में दुबई से आया था. बाद में उसका कद लगातार बढ़ता गया. यहां तक कि उसने राष्ट्रीय नेतोओं को भी चैलेंज कर दिया. पंजाब के नेताओं को चैलेंज कर दिया.'' 

उन्होंने कहा कि, ''अमृतपाल ने खुद को भिंडरावाले पार्ट 2 कहना शुरू कर दिया, हालांकि ऐसी कोई बात नहीं थी. इसके बाद वह भाग गया. पंजाब पुलिस की इनकाम्पिटेंसी इतनी नहीं है. मुझे लगता है कि पंजाब पुलिस के बीच से ही कोई व्यक्ति है जो उसको लगातार इत्तिला दे रहा है. वह बतला रहा है कि आपके पीछे कौन है, कहां पर है, किस रूट पर पुलिस है. वरना किसी के पास दिव्य दृष्टि तो नहीं होती कि पता लग जाए कहां क्या हो रहा. अगर इसको लॉजिकली देखें तो लगता है कि पंजाब पुलिस का कोई कर्मचारी, जो किसी भी पद का हो, उसको सचेत कर रहा है.'' 

पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा कि, ''आपको ध्यान हो जब मूसेवाला के मर्डर का केस हुआ था उसके बाद एक व्यक्ति पकड़ा गया था. पंजाब पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर ही उसको अपने घर ले गया था, वहां पर उसका स्वागत किया गया था. वहीं से वह भाग गया था.'' 

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अमृतपाल के पंजाब से हरियाणा, दिल्ली और फिर पंजाब पहुंचने की सूचनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि, ''वह जहां भी जा रहा था, वहां लोग उसको शरण दे रहे थे, कोई न कोई उसको खाना खिला रहा था, कोई न कोई उसको कपड़े बदलने में, गाड़ी देने में मदद कर रहा था. इससे यह साफ जाहिर होता है कि उसको कुछ लोग शरण दे रहे हैं. सवाल यह है कि उसको कहां जाना है, कहां शरण लेनी है, इस बारे में गाइड कौन कर रहा है? इससे तो लगता है कि आईएसआई या बाहर वालों के पास उसकी सब इनफर्मेशन है. इसका मतलब है कि स्लीपर सेल एक्टिवेट हो गई हैं. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए इस चीज का नोटिस सरकारों को अभी ही ले लेना चाहिए.'' 

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