VIDEO: रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरा रुपया, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे किया बचाव

वित्त मंत्री ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता में कहा, "मैं इसे रुपये में गिरावट के तौर पर नहीं देखूंगी बल्कि इसे डॉलर के लगातार मजबूत होने के रूप में देखूंगी."

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपये ने अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है.

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि रुपये ने अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. मंत्री की यह टिप्पणी रुपये के 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिरने के कुछ दिनों बाद आई है.

भारतीय मुद्रा की गिरावट के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह डॉलर के मजबूत होने के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है.

वित्त मंत्री ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता में कहा, "मैं इसे रुपये में गिरावट के तौर पर नहीं देखूंगी बल्कि इसे डॉलर के लगातार मजबूत होने के रूप में देखूंगी."

सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था कि बहुत अधिक अस्थिरता न हो, और भारतीय मुद्रा के मूल्य को ठीक करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप न हो.

सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है. अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है.''

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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.6 अरब डॉलर का भुगतान संतुलन (बीओपी) आधार पर संचयन हुआ है. अन्य बाहरी संकेतकों में शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति और लघु अवधि का कर्ज भी कम संवेदनशीलता के सूचक हैं. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद भारत का बाहरी कर्ज और जीडीपी का अनुपात प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 532.664 अरब डॉलर था. इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल भंडार में प्रमुख हिस्सेदारी रखने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी आना ही 30 सितंबर को खत्म् हुए हफ्ते के दौरान भंडार में आई गिरावट की वजह है.

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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 82.38 पर रुपया

सीतारमण ने कहा कि आयातित उच्च मुद्रास्फीति के दबाव घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति के भावी पथ के लिए अब भी जोखिम बना हुआ है. इसमें अमेरिकी डॉलर के लगातार महंगे होते जाने की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 से ही मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर बनी हुई है.