कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' वाले देशों के यात्रियों के लिए टेस्टिंग के नए नियमों के बाद दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट में इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. एक वीडियो में देखा जा सकता है कि लंबी पंक्तियों में कुर्सियां लगाई हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया है. फ्लाइट्स से आने वाले यात्रियों को आने के बाद आरटी-पीसीआर के लिए इन सीट पर बैठकर इंतजार करना होगा.
कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' पर है पूरी नजर, तैयारियों में कोताही नहीं : मनीष सिसोदिया
कल से, 14 से अधिक जोखिम वाले देशों, जहां कोविड के मामलों का पता चला है, से आने वाले यात्रियों के लिए बाहर निकलने के पहले कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य होगा.सरकार ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद 'इंटरनेशनल अराइवल' संबंधी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के नियमों में बदलाव किया है. इस शख्स में अभी 'स्ट्रेन' की पुष्टि नहीं हुई है. यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल से आने वाले पैसेंजर्स का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट किया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यही नहीं, अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी की भी रैंडम टेस्टिंग की जाएगी.
नए नियमों के अनुसार, जोखिम वाले देशों के जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्होंने भी घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा. आठवें दिन उनका फिर टेस्ट किया जाएगा. ऐसे देशों से आ रहे लोगों को भी, जिन्हें जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है, रैंडम सैंपलिंग से गुजरना होगा. किसी का सैंपल पॉजिटिव आने की स्थिति में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उसे क्वारंटाइन किया जाएगा. ऐसे देशों से आने वाले लोगों, जो कि जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं हैं और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, को भी कम से कम दो हफ्ते सावधानीपूर्वक निगरानी की सलाह दी गई है. इस बीच, कोविड के नए वेरिएंट Omicron (ओमिक्रॉन) का कोई मामला अभी भारत में सामने नहीं आया है. सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को यह बात कही. Omicron के कई देशों में फैलने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें मामलों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी गई है.