VIDEO: ताजमहल का दीदार करने गए बुजुर्ग को आया हार्ट अटैक, बेटे ने CPR देकर बचाई जान

अपने परिवार के साथ ताज महल देखने आए बुजुर्ग को परिसर में ही दिल का दौरा पड़ा. उनके बेटे ने तुरंत उन्हें सीपीआर दिया. कई लोगों ने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया.

Advertisement
Read Time: 24 mins

ताज महल में एक पर्यटक को उसके बेटे द्वारा सीपीआर (CPR), यानी कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन) दिए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है. अपने परिवार के साथ ताज महल देखने आए एक बुजुर्ग व्यक्ति को परिसर में ही दिल का दौरा पड़ा. उनके बेटे ने तुरंत उन्हें सीपीआर दिया और उनकी जान बचा ली.

इस घटना का वीडियो कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया. घटना के वीडियो अब वायरल हो गए हैं. यह वीडियो इस तरह के हालात में बेसिक फर्स्ट एड का महत्व स्पष्ट करता है.

वह बुजुर्ग थोड़ी देर बाद ठीक हो गया और फिर उसे अस्पताल ले जाया गया. इस बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है.

सीपीआर के जरिए किसी व्यक्ति का खून का प्रवाह तब तक जारी रखा जा सकता है जब तक कि कोई डॉक्टर मदद के लिए नहीं आता. यहां तक कि औपचारिक प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के बिना भी लोग सीपीआर का उपयोग करके किसी की जान बचा सकते हैं.

सीपीआर देने के लिए पीड़ित व्यक्ति को उसकी पीठ के बल किसी सुरक्षित स्थान पर लिटाएं और उसकी ठुड्डी को ऊपर उठाते हुए उसके सिर को थोड़ा पीछे झुकाएं. उसका मुंह खोलें और भोजन या उल्टी जैसी रुकावट की जांच करें. यदि कोई रुकावट हो तो उसे सावधानीपूर्वक हटा दें.

अपना कान उस व्यक्ति के मुंह के पास रखें और 10 सेकंड तक सुनें. यदि आपको सांस लेने की आवाज सुनाई नहीं देती है, या कभी-कभी हांफने की आवाज सुनाई देती है तो सीपीआर शुरू करें.

Advertisement

अपने एक हाथ को दूसरे के ऊपर रखें और उन्हें एक साथ पकड़ लें. हथेलियों से कोहनियां सीधी रखकर छाती के बीच में निपल्स से थोड़ा नीचे, कम से कम 2 इंच गहराई वाले जोर से और तेजी से धक्के दें.

यदि यह स्पष्ट हो कि उसका मुंह साफ है, तो उनके सिर को थोड़ा पीछे झुकाएं और उसकी ठुड्डी को ऊपर उठाएं. उसकी नाक को उंगलियों से बंद करें और अपना मुंह उसके मुंह पर चिपकाएं और फूंक मारें.

Advertisement

यदि उसकी छाती पहली सांस में ऊपर नहीं उठती है, तो उसके सिर को फिर से ठीक से झुकाएं. यदि उसकी छाती दूसरी सांस के साथ भी ऊपर नहीं उठती है, तो संभव है व्यक्ति का दम घुट गया हो.

प्रत्येक सांस लगभग एक सेकंड तक चलनी चाहिए और छाती को ऊपर उठाना चाहिए, अगली सांस देने से पहले हवा को बाहर निकलने दें.

Advertisement

एक मिनट में कम से कम 100 या 120 बार छाती को दबाएं. इसके बीच छाती को सामान्य स्थिति में वापस आने दें. छाती को 30 बार दबाने और दो बचाव सांसों के साइकल को तब तक दोहराएं जब तक कि व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे या मदद न आ जाए.

यदि किसी के दिल की धड़कन बंद होने के तुरंत बाद सीपीआर किया जाए तो उसकी जान बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है.

Advertisement
Topics mentioned in this article